लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने यूपी के महाराजगंज से करीब 12 घंटे पहले प्रत्याशी बनायीं गयी अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काट दिया है. कांग्रेस ने अब टीवी एंकर और पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत को यहां से उम्मीदवार बनाया है. सुप्रिया इकनोमिक टाइम्स में बतौर एंकर काम रहीं थीं.
तनुश्री त्रिपाठी को इससे पहले शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की ओर से महाराजगंज से टिकट मिल चुका था. लेकिन कांग्रेस और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में से किसकी टिकट पर लड़ेंगी इसका उन्होंने ऐलान नहीं था
तनुश्री लंदन से पढ़ाई करके लौटी हैं. इससे पहले उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी शिक्षा ली है. तनुश्री पहले से ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से प्रभावित थीं और कई मौकों पर उनकी तारीफ भी कर चुकी हैं. 28 साल की तनुश्री ने 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान अपने भाई अमनमणि के लिए भी प्रचार किया था. अमनमणि नौतनवां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं.
तनुश्री के मुताबिक उन्होंने दोनों ही पार्टियों से टिकट की मांग नहीं की थी, लेकिन अब जब कांग्रेस की सूची में भी नाम है तो वह (तनुश्री त्रिपाठी) कांग्रेस के टिकट पर ही मैदान में उतरेंगी. हालांकि तनुश्री ने आधिकारिक तौर पर अभी कांग्रेस ज्वाइन नहीं किया है और न ही शिवपाल यादव की पार्टी को छोड़ा है, लेकिन साफ है कि कांग्रेस भी इस चुनाव में मजबूत और जिताऊ उम्मीदवार येन केन प्रकारेण अपने पाले में करना चाहती है और यही वजह है कि तनुश्री को टिकट दिया गया.
तनुश्री त्रिपाठी के सामने बीजेपी की ओर से पंकज चौधरी मैदान में होंगे. वह इस सीट से फिलहाल सांसद हैं. बता दें कि 11 जनवरी 1990 को गोरखपुर में जन्मी तनुश्री को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. फिलहाल वे मुधमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे हैं. तनुश्री के भाई अमनमणि त्रिपाठी नौतनवां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं.
तनुश्री ने लंदन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स किया है. इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री ऑनर्स किया है. वो बताती हैं कि मास्टर्स करने के बाद वो UK की कंपनी ‘के इंटरनेशनल’ में जॉब कर रही थीं. इस कंपनी में वो टेररिज्म हिट या पॉलिटिकली हिट एरिया में इंवेस्टमेंट के कैसे किया जाए, ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही थीं.
इसके बाद वो 2014 में घर की सिचुएशन देखकर जॉब छोड़कर वापस आ गईं. यहां आकर उन्होंने अपनी छोटी बहन अलंकृता के साथ मिलकर भाई के लिए इलेक्शन कैंपेनिंग शुरू की. उस वक्त इनके पिता अमरमणि, मां मधुमणि और भाई अमनमणि जेल में थे. वो गोरखपुर में आठवीं तक एक स्कूल भी चलाती हैं.
बहन अलंकृता भी दिल्ली में टेक्सटाइल डिजाइनिंग की पढ़ाई कर चुकी हैं. इसी से रिलेटेड कंपनी में वो भी जॉब कर रही थीं. 2014 में दीदी के साथ वो भी गोरखपुर लौट आईं. हालांकि वो 2012 के इलेक्शन में भी भाई के लिए कैंपेनिंग करती थीं.
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