लखनऊ: फर्जीवाड़े के आरोप में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई के खिलाफ FIR दर्ज, PMO तक पहुंचा मामला

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में यूपी सरकार में कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल (Kapil Dev Agrawal) के भाई ललित अग्रवाल (Lalit Agrawal) के खिलाफ राजधानी लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है। मंत्री के भाई ने ‘इन ब्लॉक’ नाम से लॉन्च होने वाले मोबाइल फोन के होर्डिंग्स बनवाकर पूरे प्रदेश भर में लगवाए थे, जिसमें पीएम मोदी और सीएम योगी की फोटो का इस्तेमाल किया गया था। मामला जब प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचा तो हड़कंप मच गया। इसके बाद मंत्री के भाई समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई।


गौरतलब है कि बीती 22 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने स्वदेशी स्मार्ट फोन ‘इन ब्लॉक’ लांच किया था। इन ब्लॉक कंपनी के सीईओ दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी ने इसकी लॉन्चिंग का कार्यक्रम लखनऊ के ताज होटल में आयोजित किया था। जिसमें कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार भी शामिल थीं। इस फोन को लॉन्च करने के बाद कंपनी के विज्ञापन का काम मंत्री के भाई ललित अग्रवाल को दे दिया गया।


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भारती एडवरटाइजिंग कंपनी का सीईओ है ललित अग्रवाल


ललित अग्रवाल जो कि भारती एडवरटाइजिंग कंपनी के सीईओ हैं। यह कंपनी प्रदेश में होर्डिंग, बैनर एवं अन्य प्रचार का काम करती है। इस कंपनी के सीईओ और मंत्री के भाई ललित अग्रवाल ने यूपी-उत्तराखंड में करोड़ों रुपए की होर्डिंग्स लगाकर प्रचार किया, लेकिन यह फोन अभी तक मार्केट में नहीं आया है। यूपी में कोई भी फोन लॉन्च होता है तो श्रीराम टावर में सबसे पहले आता है क्योंकि मोबाइल का सबसे बड़ा बाजार यहां है पर जिस फोन की लॉन्चिंग मंत्री कपिल देव कई जगह पर कर चुके इन ब्लॉक फोन का यहां कुछ अता-पता नहीं है। यहां फोन के बड़े व्यापारी सचिन कहते हैं कि उन्होंने इस फोन का नाम ही नहीं सुना।


बता दें कि इन होर्डिंग्स के ऊपर पीएम और सीएम की फोटो लगी थी। दोनों के फोटो के बीच में लिखा था देश का स्मार्ट फोन आ रहा है। उसके नीचे अंग्रेजी में बड़ा-बड़ा own स्वदेशी और own inblock लिखा था। नीचे कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल के साथ उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार के अलावा विधायक नीरज बोरा और सुल्तानपुर के लंभुआ के विधायक देवमणि द्विवेदी की फोटो लगी थी।


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सवालों के घेरे में कंपनी


पता चला कि कुछ अन्य जिलों में वहां के स्थानीय विधायक की फोटो लगी थी। इन होर्डिंगों को देखकर सहज ही अंदाजा लग रहा था कि इस मोबाइल को पीएम और सीएम ने ही लांच किया है और यह सरकारी सस्ता फोन है। बताया जाता है कि इसका डीलर बनाने के नाम पर करोड़ों की वसूली का खेल खेलने की योजना थी।


वहीं, फोन बनाने वाली कंपनी भी संदेह के घेरे में हैं। एक मई 2019 को बनी इस कंपनी को लिंकडिन पर तलाश करने पर पता चला कि शोएब मलिक और दुर्गाप्रसाद त्रिपाठी इस कंपनी के फाउंडर हैं। यह कंपनी कहां-कहां रजिस्टर्ड है, इसका विवरण कंपनी सोसाइटी की वेबसाइट पर दिखायी न देना मामले को संदिग्ध बना रहा है।


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