हार के बाद मुलायम ने संभाली कमान, शिवपाल सहित तमाम पुराने नेताओं की वापसी पर चल रहा मंथन

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद अब सबकी निगाहें मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार पर हैं. हर कोई जानना चाहता है कि समाजवादी पार्टी और देश के सबसे बड़े सियासी घराने की अगली रणनीति क्या होगी? और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व संरक्षक मुलायम सिंह यादव गठबंधन समेत पार्टी संगठन को लेकर क्या फैसला करते हैं?


यूपी में गठबंधन के तहत 37 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सपा को महज पांच सीटों पर जीत हासिल हुए हैं, जबकि यादव परिवार के चार सदस्य सपा के गढ़ कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद से हार गए. इनमें डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव अक्षय यादव व शिवपाल यादव शामिल हैं. फिरोजाबाद सीट से शिवपाल और अक्षय एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े.


कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी को फिर से खड़ा करने और संगठन को मजबूत करने के लिए मुलायम ने सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को नसीहत दी है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने साफ कह दिया है कि समाजवादी पार्टी की इस करारी हार के लिए कमजोर संगठन और नेताओं का जनता से दूरी बड़ी वजह है.


मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से दो टूक कह दिया है कि अगर पार्टी को मजबूत करना है तो फिर पार्टी में पुराने नेताओं की वापसी होनी चाहिए. संगठन को मजबूत करने के लिए जरुरी है कि संगठन में पकड़ रखने वाले पुराने नेताओं को दोबारा पार्टी में वापस लाया जाए.


हालांकि मुलायम की इस नसीहत को अखिलेश कितना मानते है ये तो वक्त बतायेगा, लेकिन इस अप्रत्याशित हार से अखिलेश यादव बेहद परेशान हैं. महागठबंधन यूपी में 55 से 60 सीटों की उम्मीद कर रही थी, लेकिन नतीजे बेहद खराब रहे. महागठबंधन महज 15 सीटों पर सिमट गई और इसमें भी समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें ही मिलीं.


2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद समाजवादी पार्टी 5 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार बसपा से गठबंधन के बाद ही सिर्फ 5 सीटें ही मिली है. इतना ही नहीं कन्नौज से डिंपल यादव, बदांयू से धर्मेंद्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव भी चुनाव हार गए हैं. परिवार के सदस्यों की इस हार को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.  फिलहाल समाजवादी पार्टी में हार की वजहों को तलाशने के लिए मंथन का दौर चल रहा है, लेकिन इस बीच मुलायम की सक्रियता और नसीहतें चर्चा का विषय बना हुआ है.


चर्चा यह भी है कि मुलायम सिंह चाहते हैं कि पार्टी में शिवपाल सिंह यादव की वापसी हो लेकिन अखिलेश फिलहाल इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है. उधर मुलायम और शिवपाल में लगातार मुलाकातें हो रही हैं. दोनों के बीच हार को लेकर चर्चा भी हुई है, लेकिन शिवपाल की वापसी फिलहाल मुमकीन नहीं दिखती. हार के बाद अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में जाने पर रोक लगा दिया है.


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