पीएम नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के तूफानी दौरे के लिए वाराणसी पहुंचे. पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की आधारशिला रही. इसके बाद पीए मोदी ने लोगों को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री नहीं था, तब भी यहां आता था और मुझे लगता था की यहां कुछ करना चाहिए. लेकिन भोले बाबा ने तय किया होगा कि बेटे बातें बहुत करते हो यहां आओ और कुछ करके दिखाओ और आज भोले बाबा के आशीर्वाद से वो सपना पूरा हो रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि सदियों से ये स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा, कितनी बार ध्वस्त हुआ, अपने अस्तित्व के बिना जिया. लेकिन यहां की आस्था ने इसे पुनर्जीवित किया और ये क्रम सदियों से चल रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदियों से काशी विश्वनाथ दुश्मनों के निशाने पर रहा, कितनी बार ध्वस्त हुआ, अपने अस्तित्व के बिना जिया. लेकिन यहां की आस्था ने इसे पुनर्जीवित किया और ये क्रम सदियों से चल रहा है. जब महात्मा गांधी यहां आये थे, तो उनके मन में भी ये पीड़ा थी की भोले बाबा का स्थान ऐसा क्यों है और बीएचयू के एक कार्यक्रम में बापू अपने मन की व्यथा बताने से खुद को रोक नहीं पाए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब मां गंगा को सीधे बाबा भोलेनाथ से जोड़ दिया गया है. अब श्रद्धालु गंगा स्नान करके सीधे भोले बाबा के दर्शन करने आ सकेंगे. पिछले कई सालों से भोले बाबा की चिंता किसी ने नहीं की, सभी ने अपनी-अपनी चिंता की. अच्छा हुआ कि भोलेबाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई. इसके कारण 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर इस पूरे धाम के अंदर से मिले. अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है. काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर करोड़ों देशवासियों की आस्था का स्थल है. लोग यहां इसलिए आते हैं कि काशी विश्वनाथ के प्रति उनकी अपार श्रद्धा है. उनकी आस्था को अब बल मिलेगा.
इससे पहले काशी विश्वनाथ परिसर के पास सभास्थल पर लोगों को संबोधित करने के बाद रेड जोन में मंदिर दफ्तर के पास ही भूमि पूजन कर काशी की प्राचीन वैदिक रीति से सस्वर वेद मंत्रों के बीच विधि-विधान पूर्वक पांच शिलाएं रख कर शिलान्यास किया. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. अशोक द्विवेदी के निर्देशन में दो-दो वैदिक विद्वान पूजन-अनुष्ठान के विधान पूरे कराएं तो इस दौरान 11 वैदिक विद्वानों ने मंत्रोच्चार किया. पीएम ने कॉरिडोर निर्माण का शिलापट्ट करने के साथ ही भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान मिले देवालयों को भी शीश झुकाया और नमन किया. वहीं कॉरिडोर से ही मां गंगा को भी उन्होंने नमन किया.
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