कानपुर के सर्किट हाउस में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर तीखा हमला बोला है। यही नहीं उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई ने मायावती को यह सोचकर मुख्यमंत्री बनाया था कि अनुसूचित जाती के लोगों का भला होगा। लेकिन मायावती अनुसूचित जाति के लोगों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।
रामशंकर कठेरिया का माया पर वार
यही नहीं, रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अगर मायावती अनुसूचित जाति के लोगों के घर में खाना खा लें तो वह राजनीति छोड़ देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बसपा और सपा दोनों स्वार्थ की राजनीति करते हैं इसलिए गठबंधन भी स्वार्थ का ही होगा। उन्होंने कहा कि दोनों दल सत्ता पाना चाहते हैं, उनका ख्वाब पूरा नहीं होगा।
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इस दौरान उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां सभी वर्ग के छात्रों को दाखिला मिल सकता है लेकिन एससी छात्रों को आरक्षण न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। एससीएसटी आयोग एससी छात्रों को दाखिला दिलाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष भी रखा जाएगा।
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पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश
चेयरमैन ने बताया कि एससीएसटी के पीडि़तों द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद क्रास रिपोर्ट की परंपरा तेजी से बढ़ी है। इसे ध्यान में रखते हुए समीक्षा कराई जा रही है। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पीडि़तों को 60 दिन में मुआवजा दिया जाए।
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उन्होंने कहा कि एससीएसटी एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। संशोधन की बात कह लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा की गई है। एक्ट का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। जांच अधिकारी तय करेंगे कि एक्ट का दुरुपयोग न होने पाए। ऐसा हो भी रहा है क्योंकि कई फर्जी मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई है।