शिवपाल और अखिलेश को एक मंच पर लाने में जुटे नेताजी ने निकाला ये बीच का तरीका

मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और बेटे अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव दोनों को खुद से अलग होते नहीं देखना चाहते हैं। एक तरफ नेताजी पुत्र मोह और दूसरी तरह भाई के प्रेम में फंस गए हैं। नेताजी सपा अध्यक्ष के साथ भी खड़े होते हैं और समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक के साथ भी। ऐसे कहा जा रहा है कि यह मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक दांव है जो भाई और बेटे की राजनीति में आजमाया जा रहा है।

 

नेताजी के स्टैंड से कार्यकर्ता कन्फ्यूज

सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव का यह स्टैंड कार्यकर्ताओं के लिए कन्फ्यूजन का विषय बना हुआ है। बता दें कि पिछले दो साल से समाजवादी पार्टी में मचे घमासान में नेताजी की अहम भूमिका बनी हुई है। एक तरफ वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हैं तो दूसरी तरफ शिवपाल सिंह यादव के साथ भी नजर आते हैं।

 

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ऐसे में कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बन गई है। मुलायम सिंह कभी खुद को सम्मान न दिए जाने को लेकर अखिलेश पर निशाना साधते हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाई शिवपाल को समाजवादी पार्टी में बने रहने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसे में जब शिवपाल ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन कर लिया। इसके बावजूद भी नेताजी दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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सूत्रों का कहना है कि सुलह के इसी कोशिश में नेताजी बारी-बारी से शिवपाल और अखिलेश के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं, नेताजी ने अखिलेश यादव की गैरमौजूदगी में पार्टी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व भी किया। इसके बाद दिल्ली में सपा की साइकिल रैली समापन कार्यक्रम में अखिलेश के साथ मंच पर नेताजी नजर भी आए।

 

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अखिलेश को नहीं मान रहे वैचारिक उत्तराधिकारी

सेक्युलर मोर्चा के संयोजक के समर्थकों का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव ने छोटे भाई की तरह मुलायम सिंह की हर बात मानी है जबकि अखिलेश यादव तो पुत्र धर्म भी निभाना भूल गए। उनका कहना है कि  मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी कार्यालय में अपने साथ हुए अन्याय का शोक मनाने के लिए जाते हैं।

 

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मुलायम सिंह ने दावा कि वे पूरी तरह से समाजवादी पार्टी को मजबूत बनाने में लगे हैं। लेकिन इसके बाद नेताजी लोहिया जयंती के मौके पर लोहिया ट्रस्ट मे शिवपाल सिंह यादव के साथ खड़े दिखाई दिए। प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी मानती है की मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपना वैचारिक उत्तराधिकारी नहीं मान रहे हैं।

 

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