लोकसभा चुनाव के लिए वर्षों की दुश्मनी भुलाकर साथ आई समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी चुनाव में हार के बाद फिर से अलग हो गयी हैं. रविवार को मायावती ने गठबंधन तोड़ने की औपचारिक रूप से घोषणा कर दी है. बसपा के हमले के बाद अब सपा (Ramashankar Vidyarthi) ने भी तीखा हमला बोला है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी (Ramashankar Vidyarthi) ने कहा, “वह समाजवादी पार्टी के खिलाफ इसलिए बोल रही हैं क्योंकि दलितों के एसपी और अखिलेश यादव को समर्थन देने से वह भड़की हुई हैं. वह सामाजिक न्याय की लड़ाई को कमजोर कर रही हैं. उन्होंने कहा, “लोगों को अहसास हो गया है कि गठबंधन की मालकिन ने क्या किया है”. गौरतलब है कि सोमवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की थी कि पार्टी भविष्य में अकेले चुनाव लड़ेगी. रमाशंकर विद्यार्थी बीएसपी की तरफ से आए इस बयान पर जवाब दे रहे थे.
मायावती ने की आगे से हर चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा
एसपी नेता की यह प्रतिक्रिया तब आई है, जब दिन में मायावती ने भविष्य में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की सभी संभावनाओं पर लगभग विराम लगा दिया था. उन्होंने साफ कहा था कि पार्टी भविष्य में हर छोटा और बड़ा चुनाव अकेले लड़ेगी. मायावती ने यह घोषणा पार्टी नेताओं के साथ बैठक के एक दिन बाद की थी. बैठक में उन्होंने बीएसपी के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन की समीक्षा की थी.
मायावती ने ट्वीट कर कहा था- “जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरुद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया. परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी”.
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