हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में गंगा किनारे कई लाशे मिट्टी के नीचे दबी हुई पाईं गई। जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया। योगी सरकार के आदेश के बाद अब प्रयागराज आईजी ने एक्शन लेते हुए नदियों के किनारे एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमों को पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया है, ताकि लोग शवों को नदी में प्रवाहित न कर सकें। इसके अलावा फाफामऊ घाट पर पुलिस बूथ के साथ ही नगर निगम के भी कर्मचारी बैठ रहे हैं, ताकि जरूरतमंदों को अंतिम संस्कार के लिए रुपए उपलब्ध कराएं जा सकें।
आईजी ने बरती सख्ती
जानकारी के मुताबिक, आईजी (प्रयागराज रेंज) केपी सिंह का कहना है कि जो भी शव कोरोना काल में नदियों के किनारे दफनाये गए हैं वो कोविड मरीजों के कतई नहीं हैं, बल्कि ये शव सामान्य मौतों के ही हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील भी की जा रही है कि अगर उनके यहां शवों के दफनाने की प्रथा है तो अपने खेतों या गांव सभा की जमीनों में शवों को दफन करें।
आईजी की मानें तो अगर किसी के पास दाह संस्कार करने में आर्थिक समस्या आ रही है तो उसकी भी पुलिस और प्रशासन की ओर से मदद की जा रही है। इसके लिए फाफामऊ घाट पर नगर निगम का एक कैंप भी लगाया गया है। जिसमे जरूरतमंदों को मदद की जा रही है। आईजी के आदेश पर शमशान में लकड़ियों के रेट के साथ साथ शवों को अस्पतालों से श्मशान घाटों तक लाने के एम्बुलेंस का किराया भी दूरी के हिसाब से तय कर दिया गया है।
सीएम ने दिए थे ये आदेश
गौरतलब है कि सीएम योगी के निर्देश को बाद कोविड से हुई मौतों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 5 हजार रुपये भी दिए जा रहे हैं। इसके लिए फाफामऊ घाट पर पुलिस बूथ के साथ ही नगर निगम के भी कर्मचारी बैठ रहे हैं, जो कोविड से मौत होने का प्रमाण पत्र देखने के बाद अंतिम संस्कार के लिए धनराशि मुहैया करा रहे हैं। ताकि किसी के परिजनों को कोई दिक्कत ना आए।
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