यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रहीं हैं. जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ माफिया का अवैध साम्राज्य धवस्त करने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ उसपर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ वाराणसी के महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन पर धमकाने के मामले में आरोप तय कर दिया है. यह मामला 24 साल पुराना है. बताया जा रहा है कि आरोप तय होने के बाद अब मुकदमे का ट्रायल भी जल्द शुरू होगा जिससे माफिया की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है.
दरअसल, माफिया मुख्तार अंसारी पर पांच नवंबर 1997 को शाम 5 बजे वाराणसी के महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन पर धमकाने का आरोप है. परिवार सहित विस्फोट से उड़ाने की फोन पर धमकी दी गयी थी. वादी के भाई नंद किशोर रूंगटा के अपहरण में सवा करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. बाद में कोयला कारोबारी नंदकिशोर रुंगटा का शव प्रयागराज के झूंसी से बरामद हुआ था. इसी मामले में पैरवी न करने की मुख्तार अंसारी पर धमकाने का आरोप है. इस मामले में महावीर प्रसाद रूंगटा की ओर से एक दिसंबर 1997 को थाना भेलूपुर वाराणसी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
मुख्तार ने खुद को बताया था निर्दोष
मुख्तार अंसारी ने अपनी अर्जी में कहा था कि उनके खिलाफ अपराध नहीं बन रहा है. उन्होंने टेलीफोनिक धमकी का साक्ष्य न होने पर मुकदमे से डिस्चार्ज किए जाने की अदालत से मांग की थी. अर्जी में दलील दी थी कि राजनीतिक विद्वेष के कारण मुझे फंसाया गया है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. इसके बाद एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने 13 अगस्त को डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज करने का फैसला सुनाया था. इसी मामले में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर आरोप तय कर दिया है.
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