कानपुर के बाद यूपी के प्रयागराज में हुई हिंसा मामले में पुलिस लगातार उपद्रवियों पर कार्रवाई कर रही है. अब तक हिंसा और बवाल के मामले में 70 नामजद और 5000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है. पर इसी बीच जिले के एसएसपी अजय कुमार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, एसएसपी ने कहा है कि, वो कानपुर पुलिस की तरह जिले में उपद्रवियों के पोस्टर नहीं लगवाएंगें. इस फैसले के पीछे की वजह भी एसएसपी ने बताई है. उनका कहना है कि पहले पुलिस की टीमें गोपनीय तरीके से जांच करेंगी. उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.
खराब प्रवृत्ति के नाबालिगों पर होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने बताया है कि, जिले में हिंसा और बवाल के मामले में 70 नामजद और 5000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. पुलिस उन्हीं की गिरफ्तारी कर रही है. पुलिस द्वारा उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो वास्तव में अपराधी हैं. हिंसा में छोटे-छोटे नाबालिग बच्चों को आगे करके पत्थरबाजी कराई जा रही थी.
एसएसपी ने कहा है कि पुलिस पहले गोपनीय तरीके से इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. अभी फिलहाल पोस्टर लगाने का पुलिस का कोई इरादा नहीं है. इससे उन बच्चों के भविष्य का भी नुकसान होता है. इस मामले में पकड़े गए जिन नाबालिगों को उकसाया गया, उन पर पुलिस विचार करेगी. अगर नाबालिग खराब प्रवृत्ति के नहीं होंगे, तो उन पर विचार किया जाएगा.
नहीं होगी किसी बेकसूर की गिरफ्तारी
इसके साथ ही पुलिस कप्तान ने ये भी साफ कर दिया कि, किसी बेकसूर की गिरफ्तारी नहीं होगी. गिरफ्तारियां सिर्फ हार्डकोर क्रिमिनल्स की होंगी, जिन्होंने साजिश रची है और पत्थरबाजी कराई है. पुलिस अपना होमवर्क कर रही है ताकि आने वाले दिनों में भी कोई शरारती तत्व किसी तरह की हिंसा को अंजाम न दे सके. संवाद पुलिस का बहुत बड़ा अस्त्र है. लोगों से बातचीत और उन्हें समझाने बुझाने का सिलसिला जारी है.