‘अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, सिखों का नरसंहार ना होता, इमरजेंसी का कलंक ना होता, कश्मीर से पंडितों का पलायन न होता’, राज्यसभा में गरजे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को राज्य सभा (Rajya Sabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता अपनी निराशा को देश पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है। बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब नेता ही निराश होंगे तो जनता का क्या होगा ? उन्होंने कांग्रेस नेता के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को नेशन शब्द से आपत्ति है तो ऐसे व्यक्ति को अपने पूर्वजों की गलती स्वीकार करते हुए अपनी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस से बदल कर फेडरेशन ऑफ कांग्रेस रख लेना चाहिए।

परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा

कांग्रेस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने एक परिवार से आगे कुछ सोचा नहीं। परिवार के खिलाफ बोलने पर कांग्रेस ने अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम केसरी को निकाल दिया था। उन्होंने परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने दलों के अंदर लोकतंत्र स्थापित करने के लिए प्रयास करना चाहिए और सबसे पुरानी पार्टी होने के कारण कांग्रेस को इसकी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल लगा कर लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का हक नहीं है।

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अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाया ना जाता

सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने देश का विकास नहीं किया और अब विपक्ष में आने के बाद देश के विकास में बाधा डाल रही है। उन्होंने महात्मा गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस ना होती तो क्या होता का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के न होने से लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, सिखों का नरसंहार ना होता, इमरजेंसी का कलंक ना होता, कश्मीरी पंडितों के साथ ऐसा ना होता, बेटियों को तंदूर में जलाया ना जाता ।

संघवाद को लेकर कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट पर बड़ी-बड़ी बातें करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के भाषण का जिक्र किया । कांग्रेस राज में छोटी-छोटी बातों पर अपने मुख्यमंत्रियों को हटाने , देश में 100 से भी अधिक बार चुनी हुई राज्य सरकारों को बर्खास्त करने और स्वयं उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हर तरीके से परेशान करने और जुल्म करने का आरोप लगाया।

कोरोना काल में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र

प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार के दौरान मंहगाई की दर डबल डिजिट में रहने की बात कहते हुए कहा कि उनकी सरकार मंहगाई की दर को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार कोशिश कर रही है और इसी के परिणामस्वरूप आज भारत दुनिया की एकमात्र अर्थव्यवस्था है जहां की विकास दर ऊंची है और मंहगाई दर मध्यम है।

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कोरोना काल में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्रियों के साथ 23 बैठकें की और केंद्र एवं राज्य सरकारों ने मिलकर इस महामारी से निपटने के लिए कार्य किया। उन्होंने इसे संघीय ढांचे का शानदार उदाहरण करार दिया।

जवाहर लाल नेहरू पर लगाया आरोप

कोरोना पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के नहीं आने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कोरोना काल में भी सिर्फ राजनीति करने का काम किया, दलों को सर्वदलीय बैठक में आने से रोकने का प्रयास किया, भारत की वैक्सीन के खिलाफ मुहिम चलाई और देश में निराशा का माहौल बनाने की कोशिश की।

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1947 में भारत के आजाद होने के बावजूद 15 सालों तक गोवा के गुलाम बने रहने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी अंतर्राष्ट्रीय छवि को बचाने के लिए गोवा के सत्याग्रहियों पर जुल्म होने दिया और गोवा की जनता कांग्रेस द्वारा किए गए इस जुल्म को कभी भी भूल नहीं सकती है।

मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा के मतभेद पर कटाक्ष

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में लता मंगेशकर के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकालने, जवाहर लाल नेहरू की आलोचना करने पर मजरूह सुल्तानपुरी को जेल भेजने और आपातकाल का समर्थन नहीं करने के लिए किशोर कुमार को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सभा में भाषण देने के समय को लेकर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उप नेता आनंद शर्मा के बीच के मतभेद को लेकर भी कटाक्ष किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बीच ही कांग्रेस ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। प्रधानमंत्री के जवाबी भाषण के बाद राज्य सभा ने ध्वनिमत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कर दिया।

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