समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रायबरेली जिले में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं। सपा नेता ने इस दौरान खालिस्तान की मांग को एक तरह से हवा दे दी। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू राष्ट्र की बात होगी तो खालिस्तान की मांग क्यों नहीं होगी।
सामाजिक न्याय के प्रणेता वीपी मंडल की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह के बाद मीडिया से मुखातिब हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब कभी भारत हिंदू राष्ट्र नहीं था तो अब कैसे होगा। हमारा भारत पंथ निरपेक्ष विचारधारा पर आधारित है। अगर हिंदू राष्ट्र की बात होगी तो खालिस्तान की मांग क्यों नहीं होगी।
आजादी के 76 साल बाद भी जातियाँ आज सबके सर पर चढ़कर बोल रही हैं और वह जातियां जिन्होंने पूरे समाज को बांटा, अपने वर्चस्व को सर्वोच्च बनाए रखने के लिए जिन्होंने कहा "ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल, ताड़ना के अधिकारी" जिन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा "जे बरनाधम… pic.twitter.com/NWP7goXSvf
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 25, 2023
वहीं, कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सपा नेता मौर्य ने कहा कि हमारे देश में जो सामाजिक व्यवस्था है, वह वर्ण और जाति पर आधारित है। यह वह लूटा-पीटा समाज है, जिसको जाति के नाम पर हजारों साल तक धन-धरती शिक्षाऔर सम्मान से वंचित किया गया। सम्मान और स्वाभिमान से वंचित किया गया। जानवर से भी बदतर सुलूक किया गया। इसलिए समय-समय पर हमारे देश में पैदा होने वाले संतो-गुरुओं और महापुरुषों ने करुणा, मैत्री, बंधुत्व पर आधारित समाज की संरचना के लिए शंखनाद किया।
इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर रामचरित मानस की चौपाई के जरिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी जातियां आज सबके सर पर चढ़कर बोल रही हैं। वह जातियां, जिन्होंने पूरे समाज को बांटा। अपने वर्चस्व को सर्वोच्च रखने के लिए जिन्होंने कहा, ‘ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’। जिन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा, ‘जे बरनाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा।’
मौर्य ने कहा कि जिन्होंने कहा, ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु गुण ज्ञान प्रवीणा।’ आखिर जातिवाद कौन कर रहा है? जातिवाद के ठेकेदारों ने हमें विभिन्न जातियों में बांटकर हमारा शोषण किया। हमें अधम कहा, पढ़ने लिखने से रोका और अगर हम अपनी पीड़ा बोलते हैं तो कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य हमारे विरोधी हैं। यही नहीं, इस दौरान उन्होंने बीजेपी समेत हिंदुवादी संगठनों पर भी जमकर निशाना साधा।
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