राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला, बोले – “जिसे जवाब देना चाहिए, वही सबूत मिटा रहा है”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग उन सवालों के जवाब नहीं दे रहा जो जनता जानना चाहती है, बल्कि उल्टा जरूरी सबूत ही मिटा रहा है।

सबूत मिटाया जा रहा

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X लिखा ‘वोटर लिस्ट? मशीन में नहीं देंगे। CCTV फुटेज? कानून बदलकर छुपा लिया। फोटो-वीडियो? अब एक साल नहीं, सिर्फ 45 दिनों में मिटा देंगे। जिसे जवाब देना है वही सबूत मिटा रहा है।

रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़

उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह चुनाव में गड़बड़ी के सवालों से बच रहा है और जरूरी रिकॉर्डिंग को जानबूझकर खत्म किया जा रहा है ताकि किसी भी जांच की संभावना ही खत्म हो जाए।

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लोकतंत्र पर सवाल

राहुल गांधी ने इस पूरी प्रक्रिया को ‘मैच फिक्सिंग’ करार दिया और कहा कि इस तरह का चुनाव लोकतंत्र के लिए एक ज़हर की तरह है। उन्होंने कहा कि जब तक पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक देश के लोकतंत्र पर सवाल उठते रहेंगे।

चुनाव आयोग ने किया इंकार

राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब उन्होंने और कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर कई तरह की जानकारी मांगी थी जिसमें CCTV फुटेज, वोटिंग रजिस्टर, और मतदाता सूची शामिल थी। लेकिन चुनाव आयोग ने इनमें से कई चीजें देने से मना कर दिया।

चुनाव आयोग पर लगाया आरोप

कांग्रेस का कहना है कि जनता को यह जानने का हक है कि वोट किसने डाले, कैसे डाले और कहां डाले – ताकि किसी भी गड़बड़ी की जांच की जा सके। पार्टी ने यह भी कहा कि अगर सब कुछ ठीक है तो चुनाव आयोग को डर क्यों है?

‘राहुल गांधी के आरोप आधारहीन और राजनीति से प्रेरित’…चुनाव आयोग

राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी का बयान पूरी तरह से झूठा, गुमराह करने वाला और राजनीति से प्रेरित है।

45 दिनों के भीतर हटा दिया जाता है

चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि CCTV और वेबकास्ट जैसी रिकॉर्डिंग सिर्फ प्रशासनिक निगरानी के लिए होती है और अगर कोई कानूनी याचिका नहीं आती, तो इन्हें 45 दिन के भीतर हटा दिया जाता है। यह नियम पहले से तय है और किसी एक चुनाव या दल के लिए नहीं है।

सोशल मीडिया पर डालना सुरक्षित नहीं

आयोग ने यह भी कहा कि सभी रिकॉर्ड संविधान और चुनाव कानूनों के तहत ही रखे जाते हैं। अगर कोई कोर्ट केस फाइल किया जाता है, तो उस मामले में रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन सब कुछ सोशल मीडिया पर डाल देना न तो उचित है और न ही सुरक्षित।

निष्पक्षता हमारी प्राथमिकता

वहीं, राहुल गांधी द्वारा मांगी गई मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट पर आयोग का कहना है कि इससे मतदाताओं की निजी जानकारी सार्वजनिक हो सकती है। इससे उनका शोषण और डराने-धमकाने की आशंका रहती है। चुनाव आयोग ने गोपनीयता और निष्पक्षता को अपनी प्राथमिकता बताया।

कानूनी रास्ता अपनाये

आयोग ने यह भी साफ किया कि वह किसी भी पार्टी के दबाव में नहीं आता और पूरी तरह से निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराता है। किसी भी राजनीतिक दल को अगर कोई आपत्ति है, तो वह कानूनी रास्ता अपना सकता है।

पक्ष और विपक्ष

इस पूरे विवाद पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी को हार का डर सता रहा है इसलिए अब चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को और पारदर्शिता दिखानी चाहिए ताकि जनता का भरोसा बना रहें

Input- Ram Krishna Shukla