समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन (Ramji Lal Suman) द्वारा राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। सुमन ने अपने बयान में राणा सांगा (Rana Sanga) को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा था कि उन्होंने बाबर को भारत पर हमले के लिए आमंत्रित किया था। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि सपा के कुछ नेताओं में दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आत्मा घुस गई है। अब इस मुद्दे पर कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राजा भैया ने सपा सांसद को लिया आड़े हाथ
राजा भैया ने सोशल मीडिया पर रामजी लाल सुमन को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन द्वारा राज्यसभा में राणा सांगा के विषय में जो अभद्र टिप्पणी की गई है, वह न केवल असत्य है, बल्कि हर देशभक्त और राष्ट्रवादी के लिए अत्यंत कष्टप्रद है।’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा के विषय में जो अभद्र टिप्पणी की है, वो सत्य से परे तो है ही, हर देशभक्त, हर राष्ट्रवादी के लिए बहुत ही कष्टप्रद है।
राणा संग्राम सिंह जिन्हें हम राणा सांगा के नाम से जानते हैं, उन्होंने राष्ट्र और… pic.twitter.com/5avt8LZiqj
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) March 24, 2025
उन्होंने राणा सांगा को देश का वीर योद्धा बताते हुए लिखा, ‘राणा संग्राम सिंह, जिन्हें हम राणा सांगा के नाम से जानते हैं, उन्होंने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए कई युद्ध लड़े और उनमें जीत हासिल की। राणा सांगा ने युद्ध में अपने शरीर पर 80 से अधिक घाव सहे थे, उनकी एक आंख और एक हाथ जा चुका था, लेकिन उनकी पीठ पर एक भी घाव नहीं था। यह उनकी वीरता और अदम्य साहस का प्रमाण है।’
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राजा भैया ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि तुष्टिकरण की राजनीति के चलते आज महानायकों को गद्दार ठहराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज औरंगज़ेब जैसे बर्बर शासक का महिमामंडन करने के लिए कुछ लोग अपने ही देश के महानायकों को छोटा दिखाने में जुटे हैं। राणा सांगा का बलिदान और राष्ट्रभक्ति हमेशा स्मरणीय रहेगी और वे सम्मान व श्रद्धा के पात्र रहेंगे।’
उन्होंने अंत में लिखा कि अब समय आ गया है कि इतिहास के सत्य का पुनर्लेखन किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने गौरवशाली अतीत से अवगत हो सकें।