रामपुर के चर्चित एल्कोहल प्रकरण (Rampur Alcohol Case) में 50 लाख रुपए की रिश्वत लेकर मामले पर पर्दा डालने के आरोपों की जांच पूरी होने के बाद अब एक्शन शुरू हो गया है। इसमें तत्कालीन एसपी शगुन गौतम (SP Shagun Gautam) समेत 18 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। रिपोर्ट में रिश्वत पर सीधे कुछ न कहकर मामले में लापरवाही व साठगांठ की बात सही पाई गई है। दोषी एसओ सतेंद्र कुमार ने तो मुख्य आरोपी राजेंद्र सक्सेना से 42 बार फोन पर बात की। प्रकरण में सिर्फ तीन आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाकर मामले पर पर्दा डाल दिया गया। गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों तक पहुंचने का पुलिस ने प्रयास ही नहीं किया।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, 12 जून 2020 को रामपुर में शहजादनगर क्षेत्र के कमोरा गांव में एसटीएफ ने एक टैंकर में 25 हजार लीटर एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल के साथ धमोरा निवासी राजेंद्र सक्सेना उर्फ राजू सक्सेना, अखिलेश मौर्य व राजेंद्र निवासी नसीमगंज टांडा को गिरफ्तार किया था। इसका उपयोग अवैध शराब बनाने में किया जाना था। एसटीएफ ने इन तीनों पर मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन थाना पुलिस ने कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाया।
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गिरोह की धरपकड़ न होने पर आरोप लगा कि पुलिस ने रुपए लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। इसके बाद मुरादाबाद के तत्कालीन आईजी रमित शर्मा ने एसएसपी को जांच सौंपी। प्रकरण में तत्कालीन एसपी शगुन गौतम का नाम भी आया, इसलिए एडीजी अविनाश चंद्र ने बरेली के तत्कालीन आईजी राजेश पांडेय से जांच कराई। पिछले दिनों एडीजी ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी, जिसके बाद एसपी व तीन न्य को छोड़कर 14 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी शुरू कर दी गई है।
एसपी व 3 अन्य को छोड़कर बर्खास्त होंगे 14 पुलिसकर्मी
गिरोह की धरपकड़ न होने पर आरोप लगा कि पुलिस ने रुपए लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। इसके बाद मुरादाबाद के तत्कालीन आईजी रमित शर्मा ने एसएसपी को जांच सौंपी। प्रकरण में तत्कालीन एसपी शगुन गौतम का नाम भी आया, इसलिए एडीजी अविनाश चंद्र ने बरेली के तत्कालीन आईजी राजेश पांडेय से जांच कराई। पिछले दिनों एडीजी ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी, जिसके बाद एसपी व तीन अन्य को छोड़कर 14 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी शुरू कर दी गई है।
दोषी पाए गए ये आधिकारी
- शगुन गौतम तत्कालीन एसपी रामपुर (वर्तमान में एसपी विजिलेंस, प्रयागराज)
- तत्कालीन सीओ अशोक कुमार पांडेय
- तत्कालीन एसओ शहजादनगर सतेंद्र कुमार
- धमोरा के तत्कालीन चौकी प्रभारी अनुराग चौधरी
- एसओजी में तैनात दारोगा पंकज चौधरी। (इन सभी का ट्रांसफर अन्य जगह हो चुका है)
18 अन्य दोषियों में मुख्य आरक्षी जोगेश सिंह, वेद प्रकाश मिश्रा, अफजाल अहमद, विपिन कुमार, चंद्रशेखर, सिपाही महिपाल सिंह, सतेंद्र सिंह, अमित कुमार, चालक मोहम्मद इरशाद, हेड कांस्टेबल भूदेव सिंह, हाशिम खान व 2 अन्य का नाम शामिल है।
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तत्कालीन एसओ ने फोन पर 42 बार की आरोपी से बात
तत्कालीन एसओ सतेंद्र कुमार की मुख्य आरोपी राजेंद्र सक्सेना से फोन पर लंबी बातचीत हुई। दारोगा अनुराग चौधरी ने पुलिस की गुप्त सूचनाएं आरोपियों तक पहुंचाईं। पंकज चौधरी ने इस दौरान आरोपी राजू सक्सेना से फोन पर 42 बात फोन पर बातचीत की। जांच रिपोर्ट के अनुसार, एसपी शगुन गौतम ने अवैध कारोबार के गंभीर प्रकरण में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं की। सीओ अशोक कुमार पांडेय ने भी पूरे मामले में उदासीनता बरती।
एडीजी जोन बरेली अविनाश चंद्र के अनुसार, एल्कोहल प्रकरण में रामपुर के तत्कालीन एसपी समेत 18 पुलिसकर्मी दोषी मिले हैं। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। पूरे मामले में शासन स्तर से ही कार्रवाई होनी है, 14 पुलिसकर्मियों पर यह शुरू हो चुकी है। वहीं, तत्कालीन एसपी रामपुर शगुन गौतम (वर्तमान में एसपी विजिलेंस, प्रयागराज) का कहना है कि रुपये लेनदेन का कोई आरोप नहीं लगा था। कार्य में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उच्च स्तर पर जांच बैठा दी गई थी। हालांकि बाद में आरोपित चौकी इंचार्ज व अन्य को हटा दिया गया था।
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