Rana Sanga Controversy: राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन (Ramji Lal Suman)
के घर पर करणी सेना द्वारा हमले के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। हमले के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव रामगोपाल यादव और सांसद शिवपाल यादव ने सुमन के घर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और घटना पर अपना विरोध जताया। दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि सपा इस हमले से नहीं डरेगी और संसद से लेकर सड़क तक इसका मुकाबला किया जाएगा। वे एलान करते हैं कि ईद के बाद प्रदेशभर में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
संसद से सड़क तक आंदोलन
सपा के नेताओं ने हमले को लेकर कड़ा बयान दिया और कहा कि पार्टी इस हमले से झुकेगी नहीं। रामगोपाल यादव ने कहा कि संसद में इस मुद्दे को उठाया जाएगा और हमलावरों को सजा दिलवाने के लिए लड़ाई जारी रखी जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने करणी सेना के हमलावरों को सहयोग किया, और उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें छोड़ा गया, जिससे यह हमला पूर्व-निर्धारित साबित होता है।
मुकदमे और आरोप-प्रत्यारोप
रामजी लाल सुमन के घर पर हमले के बाद दो मामले दर्ज किए गए हैं। पहला मामला सांसद के बेटे रणजीत सुमन द्वारा दर्ज कराया गया है, जिसमें उन्होंने करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया। दूसरा मामला घायल दरोगा दिनेश कुमार के द्वारा दर्ज कराया गया है।
सुमन का माफी से इंकार
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, “इस जन्म में माफी नहीं , अगले जन्म का क्या होगा यह नहीं पता।” सुमन ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि राणा सांगा ने बाबर और इब्राहिम लोदी को हराने के लिए गद्दारी की थी, और उनके बयान में कोई गलत बात नहीं थी।
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करणी सेना का विरोध
सपा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर करणी सेना का विरोध जारी है। अलीगढ़ और हाथरस में करणी सेना के पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया गया। अलीगढ़ में करणी सेना ने रामजी लाल सुमन का पुतला फूंका और उनकी राज्यसभा सदस्यता निरस्त करने की मांग की। वहीं, हाथरस में सुमन के पैतृक घर के बाहर पुलिस तैनात की गई।
मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल
रामगोपाल यादव ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के आगरा दौरे के दौरान महज एक किलोमीटर दूर करणी सेना ने सांसद के घर पर हमला किया, और पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
अधिकारियों पर जांच की मांग
सपा नेताओं ने हमले के बाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि हमलावरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया, जो इस हमले की पूर्व-निर्धारित साजिश को साबित करता है।