हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अस्पताल में एक सिपाही ने कैदी के बेटे को गोली मार दी थी। जिसके बाद उसने खुद ही थाने जाकर सरेंडर कर दिया था। इस मामले में अब कई बड़ी सामने आ रही हैं। दरअसल, पूछताछ में ये बात सामने आई कि सिपाही ने कुंठा के चलते कैदी के बेटे को गोली मारी। इसकी वजह है कि सिपाही शारीरिक कमजोरी का इलाज चल रहा था, ये बात मृतक को पता थी, जिसका वो मजाक बनाता था। इसके अलावा सिपाही अपनी घरेलू जिंदगी में भी बेहद परेशान था।
पूछताछ में हुआ ये खुलासा
आज तक की रिपोर्ट की मानें तो सिपाही आशीष मिश्रा बीते कई दिनों से पारिवारिक वजह से परेशान था। बीती 13 मई को ही आशीष की शादी हुई थी। पत्नी B.Ed पास है लेकिन आशीष, पत्नी पर शक करने लगा तो दोनों में झगड़ा हो रहा था और पत्नी मायके चली गई थी। मामले में सिपाही के साले ने भी सिपाही पर ही आरोप लगाया है। उसका कहना है कि सिपाही अपनी पत्नी पर शक करता था। कई बार तो उसने आत्महत्या की बात कही थी। जिसके शिकायत पर ही सीतापुर पुलिस ने उसका सरकारी पिस्टल वापस लिया था।
इसके साथ ही पूछताछ और जामा तलाशी के दौरान पुलिस को आशीष के पास से दवाइयों के पर्चे मिले, जिससे साफ हुआ कि आशीष गुपचुप तरीके से शारीरिक कमजोरी का इलाज करा रहा था। मृतक ध्रुव सिंह की सुरक्षा के दौरान आशीष की उसके बेटे प्रवीण सिंह से दोस्ती हो गई थी।
जिसके बाद दोनों रात भर अस्पताल में साथ बैठते और एक दूसरे से अपनी अंदरूनी बातें बताते थे। इसी में आशीष ने अपनी शारीरिक कमजोरी की बात भी प्रवीण को बता दी, लेकिन प्रवीण इसके बाद से आशीष को चिढ़ाने लगा था और लोगों के बीच में उसे ताने मारने लगा था। इसी वजह से दोनों के बीच में मंगलवार को झगड़ा भी हुआ था। बुधवार को आशीष अस्पताल पहुंचा और ध्रुव को चाय के लिए बाहर लाया। जिसके बाद लिफ्ट से निकलते ही उसे गोली मार दी।
ये है पूरा मामला
बता दें कि लोहिया अस्पताल में भर्ती हत्या की सजा काट रहे सीतापुर के कैदी विनोद को किडनी की बीमारी है वह सीतापुर का रहने वाला है। विनोद सिंह उर्फ ध्रुव सिंह 1997 में हुई एक हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी है। कैदी विनोद की तीमारदारी में उसका बेटा प्रवीण सिंह अस्पताल में रुका था। उस पर निगरानी के लिए 2016 बैच के सिपाही आशीष मिश्रा को तैनात किया गया था।
बुधवार शाम करीब 5.30 बजे लोहिया के आवासीय परिसर के गेट पर बने जनरेटर रूम प्रवीण और आशीष में कहासुनी हो गई। इस पर आशीष ने तमंचे से प्रवीण के सिर में गोली मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आशीष हत्या के बाद वहां से भाग कर सीधे विभूतिखंड कोतवाली पहुंचा और समर्पण कर दिया। आशीष मूलरूप से बदायूं का रहने वाला है। ट्रेनिंग के बाद 2017 से वह सीतापुर पुलिस लाइन में है। 25 मई को उसे विनोद सिंह की अभिरक्षा में तैनात किया गया था।
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