गोरखपुर में नाबालिग बेटी के बलात्कारी से बदला, भागवत निषाद ने दिलशाद हुसैन को गोलियों से भून दिया

 

शुक्रवार को गोरखपुर की कचहरी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति ने पेशी पर आए युवक को गोलियों से भून दिया। दरअसल, गोरखपुर कचहरी में पेशी पर आए नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी को रिटायर्ड फौजी पिता ने भरी कचहरी में भूनकर हत्या कर दी। पिता ने आरोपी को एक के बाद एक 4 गोली मारी। पहली गोली कनपटी में फिर तीन पेट में। जब तक आरोपी मर नहीं गया, तब तक फौजी पिता गोली मारता रहा। वारदात के बाद वहां हड़कंप मच गया। मौके पर ही आरोपी की मौत हो गई। घटना के बाद रिटायर्ड फौजी को साइकिल स्टैंडकर्मी ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र स्थित बिभीपुरा का रहने वाला ताहिर हुसैन का बेटा दिलशाद हुसैन बड़हलगंज के पटना चौराहे पर पंचर की दुकान चलाता था। आरोप है कि बड़हलगंज इलाके की रहने वाले फौजी भागवत निषाद की बेटी का 11 फरवरी 2020 को स्‍कूल से लौटते समय उसने अपहरण कर लिया था। लड़की के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 17 फरवरी को केस दर्ज कर आरोपित दिलशाद को हैदराबाद से पकड़ लिया था। उधर, इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने रेप के साथ ही छात्र के नाबालिग होने की वजह से पॉक्‍सो एक्ट की धारा बढ़ा दी थी। आरोपित दिलशाद गोरखपुर जेल में लंबे समय तक बंद था। बताया जा रहा है कि महीने भर पहले वह जमानत पर छूटा था। पॉक्‍सो एक्ट के तहत केस होने की वजह से सुनवाई तेज हो रही थी। शुक्रवार को केस की तारीख थी।

कोरोना की वजह से कोर्ट परिसर में वादकारियों के आने पर रोक है। यही वजह है कि दिलशाद ने अपने अधिवक्ता शंकर शरण शुक्ला को कचहरी गेट के पास से ही फोन कर आने की सूचना दी। वह उससे मिलने गेट के बाहर आ रहे थे। उन्होंने फोन किया तो दिलशाद ने बताया वह उन्हें देख रहा। जैसे ही वह अधिवक्ता की तरफ बढ़ा, एक व्यक्ति ने दिलशाद पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पहली गोली मिस होने पर जान बचाने के लिए दिलशाद कचहरी गेट के अंदर भागने का प्रयास किया लेकिन हत्यारोपित ने पीछे से ही उसके सिर में गोली मार दी। गोली आर-पार होकर निकल गई और वह जमीन पर गिर गया। आसपास के लोगों ने बताया कि जब आरोपी को पकड़ा तो वह गुस्से में चिल्ला रहा था कि मेरी बेटी का बहला-फुसलाकर रेप किया। इसका यही अंजाम होना था।

मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स

घटना के बाद कचहरी से भागे भागवत को स्टैंड संचालक कन्हैया और गोली चलने की आवाज सुनकर दौड़े गेट नंबर एक पर तैनात सिपाही अमित यादव व सूर्य प्रकाश पटेल ने दौड़ाकर आंबेडकर चौराहा के पास पिस्टल समेत दबोच लिया। कचहरी में हत्या की सूचना मिलते ही एडीजी जोन अखिल कुमार, डीआइजी रेंज जे. रविंद्र गौड़, एसएसपी डा. विपिन ताडा भारी फोर्स के साथ पहुंच गए।प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं को समझाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।

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