वाराणसी: कोरोना पर पुराने वीडियो से अफवाह फैलाते पकड़े गए पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह, FIR के बाद ट्वीट डिलीट कर भागे

कोरोना महामारी के समय में सोशल मीडिया पर तेजी से अफवाहों का सिलसिला भी जारी है। मामला वाराणसी जिले का है, जहां एक पूर्व आईएएस के खिलाफ पुरानी वीडियो शेयर करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। जब पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि वीडियो पिछले साल का है, तो रिटायर्ड आईएएस ने तुरंत ही वीडियो डिलीट कर दिया। हालांकि अब पुलिस की तरफ से अफवाह फैलाने के आरोप में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है।


ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, IAS सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने लिखा कि योगी जी उछलकूद से काम नहीं चलेगा, परिणाम भी चाहिए। आज आप वाराणसी में समीक्षा कर रहे हैं, जरा गरीब के इस रूदन को भी सुन लीजियेगा। वाराणसी के इन अस्पताल में एडमिट कोरोना पॉजिटिव मरीज का शव नाले में मिला। दो दिन से मरीज लापता था, परिजन खोज रहे थे।” पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर इस पोस्ट पर तेजी से रीट्वीट किए जा रहे थे।


वीडियो सामने आते ही वाराणसी पुलिस ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला ये वीडियो 24 अगस्त 2020 का है। हालांकि ये बात सामने आते ही इस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। पर, इस मामले में पुलिस ने जानकारी लेना शुरू किया तो ये बात सामने आई कि मजिस्ट्रियल जांच हुई थी और वर्तमान में इस मामले में कोई भी कार्रवाई शेष नहीं है।


पुलिस ने दर्ज किया केस

जिसके बाद वाराणसी के एडीसिपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने पुराना वीडियो गलत तथ्यों के साथ ट्वीट कर सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने और प्रशासन की छवि को धूमिल करने का काम किया है। इसलिए उनके खिलाफ पुलिस की ओर से लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।


Also Read: लखनऊ: महिला सिपाही ने कॉन्स्टेबल पर दर्ज कराई रेप की FIR, SHO और साथी सिपाही पर बचाने का आरोप


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )