Rising North East Investors Summit: ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ के दौरान उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने घोषणा की कि अदाणी ग्रुप आगामी एक दशक में पूर्वोत्तर भारत में करीब 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में आधारभूत संरचना को मज़बूत करना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
‘एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट’ नीति का जिक्र
गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट’ नीति का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की तरक्की में यह नीति मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में यह क्षेत्र भारत के विकास में अहम भूमिका निभाने लगा है।
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विकास की नई कहानी लिख रहा नॉर्थ ईस्ट
अदाणी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में नॉर्थ ईस्ट के पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में बदलाव की एक नई कहानी लिखी जा रही है। यह क्षेत्र अब न सिर्फ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन चुका है, बल्कि निवेश के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।
असम में पहले ही हो चुका है बड़े निवेश का ऐलान
इससे पहले अदाणी ग्रुप ने केवल असम राज्य में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना साझा की थी। इसमें एयरपोर्ट, एयरोसिटी, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन नेटवर्क, सीमेंट निर्माण और सड़क ढांचे जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। गौतम अदाणी ने दोहराया कि उनका समूह असम और पूरे पूर्वोत्तर की आर्थिक नींव को मजबूत करना चाहता है, ताकि यह क्षेत्र देश की समृद्धि में एक प्रभावशाली भागीदार बन सके।
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट का एजेंडा
इस निवेशक सम्मेलन का आयोजन केंद्र सरकार और पूर्वोत्तर राज्यों की संयुक्त पहल से किया गया है। समिट में पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी, एग्री फूड प्रोसेसिंग, ऊर्जा, मनोरंजन, खेल और आईटी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। अदाणी ग्रुप का यह ऐलान पूर्वोत्तर भारत के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत है। निवेश की यह बाढ़ न सिर्फ बुनियादी ढांचे को गति देगी बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर भी बदलने में मदद करेगी।