RSS ने बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े रहने का किया आह्वान

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (RSS) ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा लगातार हो रही सुनियोजित हिंसा, उत्पीड़न और अन्याय पर गहरी चिंता व्यक्त की है। सभा ने इसे मानवाधिकार हनन का एक गंभीर मामला बताया है।

मठ-मंदिरों और पूजा पंडालों पर हमले की घटनाएँ

बांग्लादेश में हाल ही में सत्ता पलट के दौरान मठ-मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शिक्षण संस्थानों पर हमले, मूर्तियों का अनादर, नृशंस हत्याएँ, संपत्ति की लूट, महिलाओं का अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएँ सामने आई हैं। इन घटनाओं को केवल राजनीतिक बताकर उनके मजहबी पक्ष को नकारना सत्य से मुंह मोड़ने जैसा होगा, क्योंकि इनमें से अधिकांश पीड़ित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोग हैं।

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हिंदू समाज का निरंतर उत्पीड़न

बांग्लादेश में हिंदू समाज, विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग, का इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है। आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू समाज की जनसंख्या 1951 में 22 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में केवल 7.95 प्रतिशत रह गई है, जो उनके सामने अस्तित्व का संकट होने का संकेत देती है। हालिया हिंसा और सरकारी समर्थन से उत्पन्न स्थिति ने इस संकट को और गहरा कर दिया है।

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर असर

बांग्लादेश से लगातार भारत-विरोधी वक्तव्य दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय शक्तियाँ जानबूझकर भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच अविश्वास और टकराव का वातावरण बना रही हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है।

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बांग्लादेशी हिंदुओं का शांतिपूर्ण विरोध

यह उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के हिंदू समाज ने इन अत्याचारों का शांतिपूर्ण, संगठित और लोकतांत्रिक पद्धति से विरोध किया है। साथ ही, भारत और विश्वभर के हिंदू समाज ने उन्हें नैतिक और भावनात्मक समर्थन दिया है। भारत सहित विभिन्न देशों के हिंदू संगठनों ने इस हिंसा के खिलाफ आंदोलन और प्रदर्शन किए हैं, तथा बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा और सम्मान की माँग की है।

भारत सरकार की प्रतिबद्धता

भारत सरकार ने बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ खड़े रहने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। भारतीय सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है।

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अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील

प्रतिनिधि सभा ने संयुक्त राष्ट्र संघ और वैश्विक समुदाय से बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे अमानवीय व्यवहार को गंभीरता से लेने की अपील की है। साथ ही, बांग्लादेश सरकार पर हिंसक गतिविधियों को रोकने का दबाव बनाने की भी मांग की है।

एकजुट होकर आवाज उठाने की आवश्यकता

प्रतिनिधि सभा ने हिंदू समुदाय, अन्य देशों के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे बांग्लादेशी हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समाज के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं और उनके अधिकारों के लिए लड़ें।

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