राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) एवं उसके अनुषांगिक संगठनों द्वारा समान नागरिक संहिता पर देश भर में अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है। संघ का मानना है कि यह अभियान लंबा चल सकता है इसलिए इसके लिए अनुषांगिक संगठनों की ओर से तमाम आयोजन कर देश भर में माहौल बनाया जाएगा।
इससे पहले प्रयागराज जनपद में 22 और 23 नवंबर को आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में संघ की तमाम भावी योजनाओं पर मोहन भागवत के समक्ष चर्चा की गई। साथ ही समान नागरिक संहिता यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी मंथन किया गया।
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हालांकि संघ यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए अभी किसी भी तरह की जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। यह विषय सरकार का है। इसी वजह से अभी इसे लेकर देश भर में माहौल बनाने की तैयारी की गई है। इसके लिए अनुषांगिक संगठन की ओर से बौद्धिक गोष्ठियां एवं अन्य तरह के आयोजन करवाए जाएंगे।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के पूर्व भी देश भर में इसके लिए विभिन्न आयोजन कर पहले माहौल बनाया गया। क्योंकि अब लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत है। इस वजह से अभी सिर्फ विभिन्न आयोजन कर देश के तमाम राज्यों में समान नागरिक संहिता को लेकर माहौल बनाने का ही काम किया जाना है।
पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के दो अहम मुद्दे पूरे कर लिए हैं। पहला-जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना और दूसरा-राम मंदिर के निर्माण की राह प्रशस्त करना। ऐसे में अब समान नागरिक संहिता को लेकर राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाने की तैयारी की गई है। इसके लिए चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, समाज सेवी संगठन एवं अन्य प्रबुद्ध वर्ग आदि तक तमाम माध्यमों से यूनिफार्म सिविल कोड के लिए माहौल बनाया जाएगा।
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