DELHI:संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान पर सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई और उनसे माफी की मांग की। मामला बढ़ने पर खरगे ने हाथ जोड़कर सफाई दी और कहा कि उनका इशारा सरकार की ओर था, न कि आसन की ओर।
राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान जब मल्लिकार्जुन खरगे बोलना चाह रहे थे, तब उपसभापति हरिवंश ने उन्हें रोक दिया और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा। इस पर खरगे ने नाराजगी जताते हुए आसन की ओर इशारा कर कहा, “तानाशाही चल रही है… और आपको क्या-क्या ठोकना है, ठीक से ठोकेंगे।”
Also Read – उत्तर प्रदेश में जमीनों के सर्किल रेट का पुनरीक्षण जल्द, यूपी सरकार ने दिए निर्देश
इस बयान पर सत्ता पक्ष ने जोरदार विरोध किया। केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा ने इसे “सदन और आसन का अपमान” करार दिया और खरगे से माफी की मांग की। विवाद बढ़ता देख खरगे ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा सरकार की ओर था, आसन की ओर नहीं। इसके बाद उन्होंने माफी मांग ली।
जेपी नड्डा ने खरगे के बयान को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि एक वरिष्ठ नेता को ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि “खरगे अनुभवी नेता हैं, लेकिन उनका यह बयान संसद की गरिमा के खिलाफ है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए और अपने शब्द वापस लेने चाहिए।”इसके बाद विवाद शांत हुआ, और राज्यसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी।
देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं