समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को भाजपा व कांग्रेस दोनों पर जमकर हमला बोला। सपा चीफ ने कांग्रेस की ओर से आधी आबादी को लेकर किए गए लोक लुभावन वादे और भाजपा द्वारा सपा शासन में महिला उत्पीड़न का मुद्दा बार-बार उठाने पर दो टूक जवाब दिया। इतना ही नहीं, भाजपा के फर्क साफ है प्रछार अभियान में वर्तमान योगी सरकार के कार्यों की तुलना पूर्ववर्ती सपा सरकार से करने का भी अखिलेश ने उसी अंदाज में जवाब दिया।
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं की सबसे बड़ी हितैषी समाजवादी पार्टी है। महिलाओं को सबसे पहले 500 रुपए प्रति माह देने के लिए समाजवादी पेंशन योजना शुरू की। अब आगे अगर सपा की सरकार बनीं तो समाजवादी पेंशन (Samajwadi pension) को दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया जाएगा।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि हमने महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार, कन्या विद्या धन योजना और सुरक्षा के लिए 1090 हेल्प लाइन शुरू की। भाजपा ने पंचायत चुनाव जीतने के लिए महिलाओं की साड़ी खींची, फर्क साफ है। वह यहीं नहीं रूके और इसके बाद एक-एक कर अपनी सरकार में किए गए कार्यों को गिनाया।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की, लेकिन बिल्डिंग अब तक नहीं बना पाए। वह समाजवादी पार्टी की सरकार में बनाए गए लोहिया अस्पताल के नौवें फ्लोर पर चल रही है, फर्क साफ है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एम्स न बन पाता अगर सपा सरकार ने जमीन न दी होती।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले जिस जगह जमीन चिन्हित हुई थी, वहां भाजपा के नेताओं ने ही कोर्ट में पीआइएल करवा दी। हमने डेवलपमेंट अथारिटी से एम्स के लिए जमीन दिलवाई। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल बीत गए मगर भाजपा ने अपना संकल्प पत्र नहीं देखा। किसानों की आय दो गुणा नहीं हुई। बल्कि वह खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगा रहे हैं। प्रदेश सरकार विदेशी कंपनियों के दबाव में ऐसा कर रही है ताकि खाद्यान्न कम हो और विदेशों से अनाज खरीदा जाए। जाए पाम आयल खरीदा जा रहा है। सपा की सरकार आई तो गरीबों को मुफ्त अनाज देंगे और उन्हें भोजन के पैकेट भी दिए जाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि जनता को योगी नहीं योग्य सरकार चाहिए। अब वह बदलाव का पूरा मन बना चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
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