समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने महंगाई को लेकर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। सपा चीफ ने कहा कि बीजेपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) कर रही है। एक तरफ जमकर खर्च किया जा रहा है। दूसरी तरफ रोडवेज का सफर, दूध समेत बाकी चीजों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। क्या बीजेपी समिट का खर्च जनता की जेब से निकालना चाहती है?
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने दूध के दाम बढ़ाए। बस-ऑटो का किराया बढ़ाया। पहले अमूल ने अपने दूध उत्पादों के दाम बढ़ाए। फिर पराग ने भी दाम बढ़ा दिए। इससे बच्चों के दूध में कटौती होगी। बीजेपी सरकार में सफर भी मंहगा हो गया है। सामान्य बसों का किराया प्रति किलोमीटर 25 पैसे बढ़ाए गए हैं। अब लोगों को प्रति किलोमीटर 1 रुपए 30 पैसे प्रति यात्री प्रति किमी की बढ़ोतरी हो गई है।
बस का किराया 24% बढ़ाकर क्या उप्र की भाजपा सरकार इंवेस्टमेंट समिट का खर्चा जनता की जेब से निकालना चाहती है क्योंकि उन्हें मालूम है, न अब तक पिछला निवेश आया है और न अगला आएगा।
अमीरों की पोषक भाजपा ने महंगाई को ग़रीब व आम जनता की नियति बना दिया है।
भाजपा के हटने से ही महंगाई हटेगी। pic.twitter.com/tqfVbcEn4E— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 7, 2023
सपा चीफ ने कहा कि बजट के साथ भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जनता पर मंहगाई की मार पड़ना शुरू हो गई हैं। लोग त्राहि-त्राहि करने लगे हैं। लोग कैसे अपनी गृहस्थी चलाएं और कैसे जीवनयापन करें? ये सवाल अब सभी को परेशान कर रहा है। जनता को अब पूरा विश्वास हो चला है कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों वाले घरानों की संरक्षक सरकार है। पूंजीपति मित्रों को लम्बे-लम्बे कर्ज देने वाली सरकार है। उससे देश की अर्थव्यवस्था भले ही बने या बिगड़े।
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उन्होंने कहा कि रोडवेज बसों के साथ ही लखनऊ शहर में ऑटो का किराया भी बढ़ गया है। अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर के लिए लगभग 10.58 रूपए किराया देना होगा। रोडवेज का किराया वर्ष 2012 से 2014 तक प्रतिवर्ष और फिर वर्ष 2016-2017 तथा 2020 और 2023 में बढ़ाया गया। इस तरह हर साल किराया बढ़ रहा। भाजपा सरकार का जो हाल में केन्द्रीय बजट पेश हुआ, उसमें मंहगाई रोकने का कोई उपाय नज़र नहीं आ रहा है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में कहीं कमी नहीं हुई। खाद्यान्न के दामों में बढ़ोतरी से आम जनता क्या खाए क्या बचाएं? जन-साधारण की चिंताओं और परेशानियों पर भाजपा सरकार ने आंख मूंद रखी है।
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