बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने संभल जिले की शाही जामा मस्जिद विवाद (Sambhal Jama Masjid) पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस विवाद के जरिए देश और प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मायावती ने प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है।
सोशल मीडिया पर व्यक्त की चिंता
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने बयान में कहा, ‘संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और उसके तुरंत बाद सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गई हैं। इस प्रकार की घटनाएं सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करती हैं। सरकार और माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।’
यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में है, किन्तु इस प्रकार से सदभाव व माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा मा. सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) November 22, 2024
मायावती ने कहा कि इस प्रकार के विवाद जानबूझकर उत्पन्न किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश का माहौल खराब हो। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में निष्पक्ष और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि शांति और सद्भाव बना रहे।
क्या है मामला?
मंगलवार को संभल जिले के चंदौसी स्थित जिला न्यायालय में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने का वाद दायर किया गया। अदालत ने इस मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे का आदेश दिया। उसी दिन मस्जिद में पहुंचकर दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। सर्वे की रिपोर्ट 29 नवंबर तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
संभल जिले में इस विवाद के चलते प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 163 लागू कर दी गई है। इसके तहत पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, धरना या प्रदर्शन करने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। संभल के जिलाधिकारी ने कहा, ‘धारा 163 का पालन सख्ती से कराया जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
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