उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क (Safikur Rehman Barq) ने एक बार फिर बेहद विवादित बयान दिया है. बर्क ने कहा कि मुसलमान अल्लाह के भरोसे जिंदा है, कांग्रेस-भाजपा या मोदी के भरोसे नहीं. मुसलमानों को डिमोरलाइज (हतोत्साहित) करने की बात की जा रही है, लेकिन मुसलमान डिमोरलाइज होगा नहीं.
सड़क पर नमाज पढ़ने के विरोध में सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने के मामले में सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क (Safikur Rehman Barq) ने कहा कि, “वो जाने, मैं क्या बोलूं. नमाज कोई परमानेंट नहीं पढ़ी जाती. अगर कभी जगह कम पड़ जाती है तो सड़क पर पढ़ते हैं.” वे सड़क पर नमाज अता करने और सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं हैं जब सपा सांसद ने कोई विवादित बयान दिया हो.पहली बार सुर्खियों में ये तब आये थे जब इन्होने मनमोहन सरकार के दौरान सदन में ‘वन्दे मातरम’ बजने पर यह कहकर वाकआउट कर गए थे कि यह हमारे धर्म के खिलाफ है, इसलिए अगर भविष्य में भी ऐसी स्थिति आई तो मैं वही करूंगा, जो आज किया है. जहां तक देश की आन-बान की बात है तो मैं इसके लिए अपनी जान भी कुर्बान करने को तैयार हूं. इसके बाद सदन में इनकी जमकर आलोचना हुई थी.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद में भी शफीकुर्रहमान बर्क़ अपने बयानों से चर्चा में आये थे. उन्होंने खुले तौर पर जिन्ना का समर्थन किया था. इतना ही नहीं उन्होंने देश की आजादी में जिन्नाका सबसे बड़ा योगदान बताया था. आपको बता दें कि बर्क़ चार बार सांसद रहे और यूपी सरकार में मंत्री भी रह चुके है.
हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सपा नेता ने पीएम मोदी को लेकर बेहद विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा “महागठबंधन मोदी के लिए मौत का पैगाम बन गया है.” यहां गौर करने वाली बात यह ये थी कि जिस मंच से शफीकुर रहमान बर्क ये बातें कह रहे थे उसी मंच पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी बैठे थे.
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