जानें वो ‘असरदार’ काम जिसने वल्लभ भाई पटेल को दिलाई ‘सरदार’ की उपाधि, यहाँ पढ़ें पूरी कहानी

 देश के पहले गृह मंत्री, उप प्रधानमंत्री और ‘लौ‍ह पुरुष’ के नाम से विख्‍यात सरदार वल्‍लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज यानी 15 दिसंबर को पुण्‍यतिथि है. उनका जन्‍म 31अक्‍टूबर, 1875 में गुजरात में हुआ था और 15 दिसंबर, 1950 उनका निधन हुआ था. उनकी पुण्‍यतिथि के दिन मंगलवार को पूरा देश उन्‍हें याद कर रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्‍हें श्रद्धांजलि देकर नमन किया है. देश की आजादी में वल्लभ भाई पटेल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है.


ऐसे मिली वल्लभ भाई को सरदार की उपाधि 

साल 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया. यह प्रमुख किसान आंदोलन था. उस समय प्रांतीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी. सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी. जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे. वल्लभ भाई पटेल ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया. सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश में कई कठोर कदम उठाए. लेकिन अंत में विवश होकर सरकार को पटेल के आगे झुकना पड़ा और किसानों की मांगे पूरी करनी पड़ी. दो अधिकारियों की जांच के बाद लगान 30 फीसदी से 6 फीसदी कर दिया गया. बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी.


562 देशी रियासतों का एकीकरण कर बने लौह पुरुष 

देश आजादी से पहले अलग-अलग रियासतों में बटा हुआ था. लौहपुरुष सरदार पटेल ने 562 रियासतों का भारत में विलय करवाया था. भारत का जो नक्शा ब्रिटिश शासन में खींचा गया था, उसकी 40 प्रतिशत भूमि इन देशी रियासतों के पास थी. आजादी के बाद इन रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था. सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, चतुराई और डिप्लोमेसी की बदौलत इन रियासतों का भारत में विलय करवाया था.


हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान को सिखाया सबक

हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान आसिफ ने स्वतंत्र रहने का फैसला किया. निजाम ने फैसला किया कि वे न तो भारत और न ही पाकिस्तान में शामिल होंगे. सरदार पटेल ने हैदराबाद के निजाम को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया. साल 1948 में चलाया गया ऑपरेशन पोलो एक गुप्त ऑपरेशन था. इस ऑपरेशन के जरिए निजाम उस्मान अली खान आसिफ को सत्ता से अपदस्त कर दिया गया और हैदराबाद को भारत का हिस्सा बना लिया गया.


Also Read: गन्ना के बाद धान-गेहूं का पेमेंट कर योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड, 4 साल में 61 हजार करोड़ रूपए का भुगतान, सपा-बसपा सरकारें बहुत पीछे


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )