उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के नए DGP का चयन एक बार फिर से शुरू हो गया है। दरअसल, वर्तमान समय में आईपीएस डीएस चौहान यूपी पुलिस के कार्यवाहक DGP के पद पर तैनात हैं। ऐसे में अब यूपी पुलिस को जल्द ही स्थाई DGP मिलने वाला है। इसके लिए योगी सरकार ने यूपीएससी को एक लेटर लिखकर 42 अफसरों के नामों की लिस्ट भी भेज दी है। इन्हीं में से जांच परख कर तीन नामों का चयन किया जाएगा, जिसमे से एक को DGP बनाया जाएगा।
भेजे गए ये नाम
जानकारी के मुताबिक, यूपीएससी को भेजे गए पैनल में वर्ष 1992 बैच तक के सभी आईपीएस अफसरो के नाम शामिल है। यह पद साढ़े तीन महीने से खाली है। आईपीएस मुकुल गोयल के बाद डीजी प्रशिक्षण आरपी सिंह और डीजी कोऑपरेटिव सेल जीएल मीना का नाम दूसरे व तीसरे नंबर पर है। हालांकि आरपी सिंह व जीएल मीना अगले वर्ष फरवरी व जनवरी में रिटायर हो जाएंगे। वरिष्ठता सूची में मीना के बाद डा. राज कुमार विश्वकर्मा का नाम है और फिर मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान का नाम है। डीएस चौहान 1988 बैच के आईपीएस हैं।
वरिष्ठता सूची में इसके बाद अनिल अग्रवाल, आनंद कुमार, विजय कुमार, सफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्र, चंद्र प्रकाश-1, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेनुका मिश्र, बिजय कु मौर्या, सत्य नारायण सबत, अविनाश चन्द्र, डा संजय एम तराडे डीजी हैं। इसके साथ ही एडीजी स्तर के एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव, सतीश कुमार माथुर, अंजू गुप्ता, सुभाष चंद्र, प्रशांत कुमार, तिल्लोतमा वर्मा, राजीव रंजन वर्मा, आलोक शर्मा, भगीरथ पी जोगदण्ड, पीयूष आनंद, बृज भूषण, राजीव कृष्णा, अभय कुमार प्रसाद, दवा शेरपा, प्रेम चंद मीना, दीपेश जुनेजा, आशुतोष पाण्डेय, अजय आनंद, जसवीर सिंह, आनंद स्वरूप, नीरा रावत के नाम भी भेजे गए हैं।
इन मामलों की जांच के बाद होगा चयन ?
बता दें कि डीजीपी बनने के लिए अफसर को 30 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करना जरूरी है। इसके अलावा वरिष्ठता के क्रम में एक-एक अफसर का रिकॉर्ड चेक किया जाता है। देखा जाता है कि क्या संबंधित अधिकारी ने कोई अपराध किया है, अगर किया है तो किस वर्ष में? उसे आरोप पत्र कब दिया गया। क्या जुर्माना लगाया गया? क्या जुर्माने के खिलाफ उसने कहीं अपील दायर की है? अपील की है तो क्या उसमें स्टे मिला है? यह सब जानकारी आयोग को भेजी जाती है। इसके बाद आयोग बैठक के लिए तारीख तय करता है और निर्णय लिया जाता है। फिर वरिष्ठता व रिकॉर्ड के अनुसार पहले तीन नाम का चयन कर राज्य को भेज दिया जाता है।
Also Read: UP: शुरू हुई स्थायी DGP के चयन की प्रक्रिया, बढ़ाया जा सकता है डीएस चौहान का कार्यकाल!
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )