अयोध्या: केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर दबाव बनाने के लिए सोमवार से अयोध्या में संतों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया हैं. राममंदिर निर्माण के लिए तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राम परमहंस दास ने आमरण अनशन शुरू किया हैं. परमहंस दास ने बताया कि जब तक राम मंदिर निर्माण की घोषणा नहीं हो जाती तब तक वे अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे.
महंत परमहंस दास ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए काफी समय से लोग हर तरह के प्रयास करते आ रहे हैं. बीजेपी सरकार ने अपने एजेंडे में राम मंदिर निर्माण को रखा था इस समय केंद्र और राज्य सरकार बहुमत में हैं लेकिन अभी तक राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई कार्य नहीं किया.
परमहंस दास ने कहा कि सभी मुसलमान चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो. हमारी लड़ाई मुस्लिमों से नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें तो बस राम मंदिर चाहिए रामजन्म भूमि दुनिया में कहीं और नहीं हो सकती. इसलिए मुस्लिम भाई राममंदिर निर्माण में सहयोग करें. इसका संदेश दुनिया भर में जाएगा.
मोदी का कार्यकाल पूरा होने पर है लेकिन हमारी आकांक्षाएं अधूरी हैं
परमहंस दास ने कहा कि मोदी का कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन हमारी आकांक्षाएं अभी अधूरी हैं. इसलिए अब हम राममंदिर के लिए स्वयं ही पौरुष करेंगे. इसके लिए जान ही क्यों न देना पड़े. उन्होंने कहा कि अनशन की सूचना राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन भेज दी गई है.
अयोध्या विवाद की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा रोड़ा साफ कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि मस्जिद में नमाज इस्लाम में जरूरी नहीं. यानी इस आधार पर दावा आज खारिज हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने 1994 के इस्माइल फारुकी केस का पुराना फैसला बरकरार रखा है और अब इस मामले के तेजी से निपटारे की उम्मीद मजबूत हो गई है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी दिया समर्थन
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने मंगलवार को राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास से भेंट की. इसके साथ ही उनके आन्दोलन को अपना समर्थन भी दिया.
विनय कटियार ने भी किया स्वामी परमहंस का समर्थन
स्वामी परमहंस के समर्थन में आज अनशन के दूसरे दिन भाजपा नेता विनय कटियार भी पहुंचे और कहा कि हम परमहंस के अनशन को तुड़वाने नहीं आए बल्कि उनका समर्थन करते हैं. परमहंस राम मंदिर मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. कटियार ने कहा कि नमाज के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ये तो स्पष्ट हो गया है कि विवादित स्थल पर मस्जिद तो नहीं ही बनेगी. कोर्ट में 29 अक्टूबर से सुनवाई प्रारम्भ हो रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि मामले का हल निकलेगा नहीं तो संघर्ष करेंगे. कटियार ने अनशन का समर्थन करते हुए कहा कि हम स्वामी परमहंस को मनाने के लिए नहीं बल्कि ‘डटे रहो’ कहने के लिए आए हैं. अगर उनका स्वास्थ्य गिरेगा तो हम आएंगे.
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