भागवत के बयान पर बोले इक़बाल अंसारी- कोर्ट के बाहर बना कानून तो कोई भी मुसलमान नहीं मानेगा

नागपुर में RSS के 93वे स्थापना दिवस पर राम मंदिर के मुद्दे पर दिए बयान पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी बीच अयोध्या विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकार इक़बाल ने बड़ा बयान दिया है. इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या मामले पर अगर कोर्ट के बाहर कोई क़ानून बनता है तो देश का कोई भी मुसलमान उसे नहीं मानेगा.

 

इकबाल अंसारी ने भी कहा कि देश में जब भी चुनाव आता है तो तमाम नेताओं को राम और राम मन्दिर याद आने लगते हैं.  मामला सुप्रीम कोर्ट में हो और कोर्ट के बाहर कोई कानून बनाया जाये, इस पर ऐसा लगता है कि हिंदुस्तान में कोर्ट अलग है और हिंदुस्तान अलग है. उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीमकोर्ट में है और हम चाहते हैं कि फैसला कोर्ट के माध्यम से हो. कोर्ट जो भी फैसला करेगा उसे हर मुसलमान मानेगा. बाहर कोई भी कानून बने उसे मुसलमान नहीं मानेगा. जब हिंदुस्तान का संविधान मुसलमान मान रहा है तो हिदुस्तान के कोर्ट की बात भी मुसलमान मानेगा.

 

आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान से उन्हें कोई ताज्जुब नहीं हुआ है. चुनाव से पहले हर इस तरह का का माहौल तैयार किया जाता है. हर बार चुनावों से पहले ये मुद्दा जानबूझकर कर उठाया जाता है. फरंगी महली ने कहा कि चुनाव मज़हबी बातों पर नहीं होना चाहिए. चुनाव आम लोगों के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या जमीन विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा वहां के फैसले का इंतजार करना चाहिए.

 

बता दें बुधवार यानि कि आज आरएसएस के 93वे स्थापना दिवस पर संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा था कि रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण होना चाहिए. सरकार को अध्यादेश लाकर मंदिर का निर्माण करना चाहिए. भागवत ने कहा राम मंदिर भारत का प्रतीक है. यह जिस रास्ते भी बने उस रास्ते जाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए.

 

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