एक तरफ जहां अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए महंत परमहंस दास ने अनशन तोड़ने के बाद अब आत्महत्या तक की चेतावनी दे डाली है। महंत परमहंस ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की सरकार से मांग की है। वहीं, दूसरी तरफ मुगल शासक बाबर के वंशज ने अयोध्य में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी बात कही है।
राम मंदिर में सबसे पहले लगाएंगे सोने की ईंट
जानकारी के मुताबिक, खुद को बहादुर शाह जफर के छठवें वंशज बताने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण की पहल करते हुए सबसे पहले सोने की ईंट लगाने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक, इटावा के वृंदावन गार्डन में समर्थकों के साथ जाने से पहले प्रिंस याकूब ने यह बात कही है।
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उन्होंने कहा कि सीएम योगी से मिलने के लिए वो दो दिन गोरखपुर में रहे लेकिन किन्हीं कारणवश मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। प्रिंस याकूब ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। वह राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की पैरवी करेंगे।
याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संभावना जताई है कि जिस हल्के ढंग से मामले को लिया जा रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि 2019 के बाद 2024 में यह मुद्दा खत्म नहीं होगा। इससे हिंदू-मुसलमान की नई पीढ़ी के दिलों में नफरत पैदा होगी। इसलिए उनका मानना है कि यह मुद्दा जल्द से जल्द खत्म हो।
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मस्जिद या मंदिर का नहीं जमीन का मसला है ये
प्रिंस याकूब ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी लेकिन इसे विवादित ढांचा बताया गया है। उन्होंने कहा कि वहां पर न मस्जिद का मसला है और न मंदिर का, वहां जमीन का मसला है।
प्रिंस ने कहा कि टाइटल शूट के अनुसार वह भूमि बाबर की बताई जा रही है। यही वजह है कि उन्होंने इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि न्यायालय में विचाराधीन मसले पर वह निर्देश दे सकते हैं।
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प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि कि कोर्ट का कहना है कि पुराने पक्ष को सुनेंगे लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड भूमि का मालिक नहीं बन सकता है। उस जमीन के मालिक हम हैं। हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक पिटीशन भी फाइल करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित किया जाए और जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाया जाए।
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