छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक मदद के लिए पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर से रविवार को किसान निधि योजना के तहत 6000 रुपये सहायता देने की औपचारिक शुरुआत करेंगे. इसके तहत आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों को सालाना 6 हजार रुपये मिलेंगे.
इसी दिन पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड किए गए पात्र किसानों को पहली किस्त जारी की जाएगी. फिलहाल, उन्हीं किसानों को इसका लाभ मिलेगा जिनका राज्यों के किसान सेवा पोर्टल पर पहले से रजिस्ट्रेशन है. लेखपाल ऐसे किसानों की लिस्ट गांव-गांव जाकर खुद वेरीफाई कर रहे हैं. उनके नाम, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड का मिलान कर पात्र किसानों की लिस्ट कृषि विभाग को सौंप रहे हैं. विभाग के अधिकारी वेरीफाईड किसानों का डाटा पीएम किसान पोर्टल पर फीड करवा रहे है. यह काम लगभग पूरा हो चुका है.
जिन किसानों का डाटा फीड हो चुका है उनके खाते में 24 फरवरी को पहली किस्त के 2000 रुपये पहुंचने की उम्मीद है. 6000 रुपये सालाना किसान सहयोग राशि लेने के लिए आधार और मोबाइल नंबर देना होगा. अगर कोई वाकई किसान है और उसका नाम नहीं जुड़ा है तो उसे अपने लेखपाल से संपर्क करना होगा. लेखपाल के माध्यम से ही उसका नाम इस योजना में शामिल हो सकता है
क्या है पीएम किसान योजना
- छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक उपजाऊ भूमि है उनको 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
- यह राशि उनके बैंक अकाउंट में तीन बराबर किस्त (2 हजार प्रति किस्त) में ट्रांसफर की जाएगी.
- वित्त वर्ष 2019-20 में इस स्कीम पर कुल 75 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा.
- यह स्कीम करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ पहुंचाएगी
पीएम किसान योजना में आपका नाम है या नहीं उसे http://pmkisan.nic.in पर चेक किया जा सकता है.
- सरकार ने साफ किया है कि पहली किस्त, जिसका पैसा मार्च तक ट्रांसफर हो सकता है उसके लिए आधार जरूरी नहीं होगा.
इनकों नहीं मिलेगा लाभ
- किसी संवैधानिक पद पर मौजूद किसान, पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायक, इनकम टैक्स देने वाला शख्स.
- कार्यरत या रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी जिनको महीना 10 हजार रुपये पेंशन मिलती हो.
- जो 1 फरवरी के बाद किसी जमीन का नया मालिक बना है तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
कौन हैं छोटे एवं सीमांत किसान?
छोटे एवं सीमांत किसान परिवार की परिभाषा में वैसे परिवारों को शामिल किया गया है जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों.
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