उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरूवार को महिलाओं को समर्पित विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान सदन में सिर्फ महिला सदस्य ही अपनी बात रखेंगी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के साथ ही नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी संबोधित किया। इस दौरान सपा चीफ अखिलेश यादव ने प्रदेश में पुलिस समेत सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण (33 Percent Reservation) देने के साथ ही लड़कियों की केजी से लेकर पीजी तक की मुफ्त शिक्षा की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय नेता जी (मुलायम सिंह यादव) की सरकार थी उस समय प्रदेश में लड़कियों की पढ़ाई को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि डा. राममनोहर लोहिया जी ने कहा था कि नारी को गठरी के समान नहीं, बल्कि इतनी शक्तिशाली होना चाहिए कि वक्त आने पर पुरुष को गठरी बना अपने साथ ले जाए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में महिलाओं का जो योगदान है उसे हम भूल नहीं सकते।
सपा चीफ ने कहा कि महिलाओं ने आजादी की लड़ाई मजबूत की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सदन में चर्चा के लिए सिर्फ एक ही दिन देना पर्याप्त नहीं है। महिलाओं पर चर्चा के लिए तो पूरा सत्र का समय भी कम ही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आज का दिन विशेष है। हमने उत्तर प्रदेश की राजनीति में यहां कई बदलाव देखे हैं। इस दौरान महिलाओं ने समय-समय पर अहम योगदान दिया है। देश में पहली महिला मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने दिया। देश में अहम पदों पर महिलाएं रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं। इनके विकास के लिए सरकार के साथ विपक्ष तथा समाज को मिलकर काम करना होगा। महिला एक घर के साथ ही समाज, प्रदेश तथा देश के निर्माण में बड़ा योगदान दे रही है। इनके त्याग तथा बलिदान का साक्षी हमारा प्रदेश भी रहा है।
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