उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ज्ञानवापी मामले में बयान देकर यूपी ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इसी के साथ एएनाई के पॉडकास्ट के दौरान सीएम योगी ने यह भी कहा कि ये देश मजहब से नहीं संविधान से चलेगा। अगर इस देश में रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मुख्यमंत्री पर पलटवार किया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि धर्म जीवन के साथ ही, मानवीय व्यवहार, सामाजिक सहनशीलता, व्यक्तिगत सकारात्मक उत्थान और चतुर्दिक सह अस्तित्व सिखाने का भी मार्ग है। धर्म लिबास से नहीं विचार-आचार से प्रकट होना चाहिए। धर्म धमकी नहीं होता।
धर्म जीवन के साथ ही, मानवीय व्यवहार, सामाजिक सहनशीलता, व्यक्तिगत सकारात्मक उत्थान और चतुर्दिक सह अस्तित्व सिखाने का भी मार्ग है। धर्म लिबास से नहीं विचार-आचार से प्रकट होना चाहिए।
धर्म धमकी नहीं होता।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 1, 2023
दरअसल, सीएम योगी ने एएनआई के पॉडकास्ट में कहा था कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो फिर विवाद होगा। उन्होंने कहा था कि वहां पर त्रिशूल क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखा। वहां कई देव प्रतिमाएं हैं, ज्योतिर्लिंग है, दीवारें चीख-चीखकर गवाही दे रही हैं। अगर किसी को भगवान ने दृष्टि दी है तो वो इसे देखे। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय से इसे एतिहासिक भूल मानकर सुधार का प्रस्ताव देने की बात भी कही।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ये देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। मैं ईश्वर का भक्त हूं लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं, आपका मत आपका मजहब अपनी तरीके से अपने घर में होगा, अपनी मस्जिद, अपनी इबादतगाह में होगा।
उन्होंने कहा था कि सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते हैं, नेशन फर्स्ट है। यदि देश में किसी को रहना है तो उसको राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा। अपने मत और मजहब को नहीं। बता दें कि ज्ञानवापी मसले पर अपनी बात रखने के बाद विपक्षी दल सीएम योगी और बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं।
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