उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान (SP Leader Azam khan) के खिलाफ कोसी नदी की जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के साथ ही उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी आले हसन खां के खिलाफ भी नायब तहसीलदार ने मुकदमा दर्ज कराया है।
आजम पर पांच हेक्टेयर जमीन यूनिवर्सिटी परिसर में मिलाने का आरोप
सूत्रों ने बताया कि नायब तहसीलदार की तहरीर पर आजम खां, जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी आले हसन खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3/4 और आईपीसी की धारा 332 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने लगभग पांच हेक्टेयर जमीन जौहर विश्वविद्यालय परिसर में मिला ली है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के आदेश पर 25 मई को राजस्व विभाग की एक टीम यूनिवर्सिटी में पैमाइश के लिए गई थी। इस टीम को पैमाइश नहीं करने दिया गया। इसके बाद नायब तहसीलदार सदर केजी मिश्रा ने अजीमनगर थाने में तहरीर दी।
थाना प्रभारी राजीव चौधरी के अनुसार तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मुकदमा सरकारी संपत्ति को कब्जाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में किया है। रजिस्ट्रार के साथ ही आरोपी बनाए गए विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं। वह रामपुर में ही लंबे समय तक सीओ सिटी रहे।
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जिलाधिकारी ने बताया कि समाजवादी पार्टी शासन काल में यूनिवर्सिटी का विस्तार करने के लिए शासन से इस जमीन की मांग की गई थी। पिछले दिनों इस संबंध में शासन ने रिपोर्ट मांगी थी। इस पर जमीन की पैमाइश के लिए राजस्व टीम को यूनिवर्सिटी भेजा गया था।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां की ओर से सपा सरकार में मंत्री रहते नौ नवंबर 2013 को शासन से कोसी नदी क्षेत्र की जमीन यूनिवर्सिटी के लिए आवंटित करने की मांग की गई थी। तब जिला प्रशासन ने अपनी संस्तुति के साथ शासन को प्रस्ताव भेज दिया था लेकिन, फाइल लटक गई। अब शासन ने एक मई 2019 को जिलाधिकारी से सुस्पष्ट आख्या मांगी। इस पर राजस्व टीम पैमाइश के लिए वहां पहुंची जिसका वहां विरोध हुआ।
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