उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) ने योगी सरकार पर हमला बोला है। आजम खान ने कहा कि अभी वह जमानत पर छूटे हैं, बरी नहीं हुए हैं। हमारे ऊपर सैकड़ों मुकदमे हैं। मुर्गी चोरी का नहीं, मुर्गी डकैती का मुकदमा है। जो दफाएं लगाई गई हैं, वह डकैती की हैं, चोरी की नहीं। हमारे मुखालिफ ने हमें बहुत हल्का आंका। किताबों की चोरी, फर्नीचर की चोरी के मुकदमे कराए। अरे मुकदमा ही लिखवाना था तो कम से कम ताजमहल या कुतुब मीनार चोरी का लिखवा देते।
चुनावी जनसभा में सरकार पर बरसे आजम
आजम खान ने ये बातें शहर के मोहल्ला चार खजान खां पर हुई चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही हैं। उन्होंने कहा कि 27 महीनों तक ऐसे अंधेरे माहौल में रहा, जिसका ख्याल भी डरा देता है। सोचिए, यह हिम्मत कहां से मिली और कितना लंबा अरसा आप से जुदा होकर कैसे गुजरा। वह शख्स जो सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों और हजारों लोगों के बीच रहता हो, उस एक तन्हा कोठरी में बंद कर दिया जाए और इंसानों से बहुत दूर कर दिया जाए। उसके लिए हर लम्हा मौत से ज्यादा खतरनाक था।
सपा नेता ने कहा कि दुनिया में किसी मुलजिम को भी तीन महीने से ज्यादा तनहाई में नहीं रखा जा सकता। अमेरिका और ब्रितानिया तक ने इस कानून को बदल दिया और यह कानून बना चाहे मुलजिम कितना ही संगीन जुर्म किए हुए क्यों न हो, कितनी ही बड़ी सजा क्यों न हो, उसे तीन महीने से ज्यादा तन्हा नहीं रखा जा सकता, लेकिन हमें यह कहते हुए कि कोई मार न दे, इसलिए अति सुरक्षा के नाम पर अकेली कोठरी में रख दिया गया।
सपा विधायक ने कहा कि सुनो मेरी पार्लियामेंट की पहली तकरीर। शायद वह भी मेरी सजा का सबब बनी। उसमें मैंने दावा किया था जौहर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज में आठ आपरेशन थिएटर हैं और न्यूयार्क में भी उससे अच्छा आपरेशन थिएटर नहीं होगा। आज वह बंद पड़ा है और सब कुछ चोरी हो गया। मुझे माफिया घोषित किया गया। माथे पर कभी न मिटने वाला कलंक लगा दिया गया। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मेरे चेहरे पर लगी हुई कलंक के तमाम दाग धो दिए।
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