अखिलेश यादव के करीबी और समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज (SP MLC Pushparaj jain) जैन उर्फ पम्पी जैन के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी (Income Tax Raid) की ब्योरा विभाग ने जारी कर दिया है। इसके मुताबिक, पुष्पराज जैन ने कई शेल कंपनियां बना रखी थीं। ऐसी कंपनियों के निदेशकों (Company Director) में से एक ने शपथपत्र पर स्वीकार किया है कि वह एक डमी निदेशक था। उसने समूह के प्रमोटरों के कहने पर समूह की कंपनी के शेयर पूंजी में निवेश किया था।
पम्पी जैन के यहां से मिले 100 करोड़ की टैक्स चोरी के सबूत
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन और कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारी फौजान मलिक के पास से करीब 120 करोड़ रुपए की अघोषित लेन-देन, कैश और विदेशों से आई रकम का खुलासा किया है। इसमें लगभग 100 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के सबूत पम्पी जैन के यहां से मिलें है, जबकि मलिक ग्रुप से 22 करोड़ की अघोषित आय मिली है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की प्रवक्ता और आयकर आयुक्त सुरभि अहलूवालिया ने छापों का पूरा ब्योरा जारी किया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह भी पता चला है कि संयुक्त अरब अमीरात के ऑफशोर संस्थानों में से एक ने अवैध रूप से शेयरहोल्डिंग ली है। समूह की एक भारतीय इकाई में 16 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन कई गुना ज्यादा प्रीमियम पर किया गया। यूएई की इकाई से 16 करोड़ लेने के बाद पम्पी जैन की कोलकाता स्थित कुछ शेल संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपए प्राप्त किए।
40 फीसदी कारोबार कच्चे में कर रहे थे पुष्पराज जैन
पुष्पराज जैन के कन्नौज, कानपुर और मुंबई के ठिकानों की तलाशी के दौरान पता चला कि समूह इत्र की बिक्री, स्टॉक हेरफेर में लिप्त है। मुनाफे को टैक्स के दायरे में आने वाली इकाई से टैक्स छूट वाली इकाई में ट्रांसफर किया जा रहा था। फुटकर बिक्री का 40 फीसदी कारोबार कच्चे में किया जा रहा है।
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इनकम टैक्स के अनुसार, कच्चे बिल और बोगस फर्मों की आड़ से हुई कमाई का निवेश मुंबई में रियल इस्टेट में किया गया। कंपनी से रिटायर हो चुके साझेदारों को कागजों पर 45 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। ऑफशोर संस्थानों की आड़ में संयुक्त अरब अमीरात में दो विला के मालिक होने का खुलासा हुआ है।
मलिक ग्रुप से मिली 9.40 करोड़ से अधिक की ज्वैलरी
वहीं, कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारी मलिक ग्रुप के यहा छापेमारी के दौरान करीब 10 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। ये भी पाया गया है कि मलिक ग्रुप अपनी लिस्ट के लिए कोई स्टॉक रजिस्टर नहीं रखता है। 9.40 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण भी सीज किए गए हैं।
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