उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां सेना के रंगरूटों (Army Recruits) ने एक दारोगा (Sub Inspector) की पिटाई कर उसकी वर्दी तक फाड़ डाली. दरअसल, बीते मंगलवार आधी रात को गोमती नगर के रिवर फ्रंट पर अपने पति के साथ जा रही महिला को बीच सड़क पर रोककर सेना के कुछ रंगरूटों ने छेड़छाड़ की. शराब के नशे में धुत रंगरूटों ने महिला को घेरकर अभद्रता भी की. इस दौरान उधर से गुजर रहे पर्यटन पुलिस (Tourist Police) के दारोगा अमरकांत त्यागी उस महिला को बचाने के लिए नशेबाज रंगरूटों से भिड़ गए. गौरतलब है कि बीते सोमवार को गाजीपुर में फैशन डिजायनिंग की छात्रा को सरेराह रोककर ब्लेड से 50 कट मारे गए थे. इस घटना का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो सका है. इन हालातों को देखकर लखनऊ में महिला सुरक्षा के दावे लगातार फेल नजर आ रहे हैं.
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दारोगा अमरकांत त्यागी (Amarkant Tyagi) ने बताया कि ‘रात करीब 03:30 बजे मैं पर्यटन मोबाइल से हजरतगंज से होते हुए गोमती नगर की तरफ जा रहा था. तभी रिवर फ्रंट के पास एक महिला के चीखने की आवाज आई. मैं तुरंत मौके पर पहुंचा तो पता चला कि महिला और उसके पति को 4 -5 रंगरूट घेरे हुए हैं. इस दौरान मैंने और आरक्षी चालक रवि तेवतिया मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव किया. इस पर रंगरूटों ने मुझसे गाली-गलौज करते हुए भाग जाने की धमकी दी. जब मैंने महिला को उनके चंगुल से छुड़ाने का प्रयास किया तो रंगरूटों के और साथी आ गए और उन्होंने हम पर हमला कर दिया. साथ ही मेरी वर्दी के बिल्ले नोच लिए और वर्दी भी फाड़ दी’.
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उन्होंने बताया कि किसी तरह मैंने वायरलेस सेट से मेसेज करके हमले की सूचना देते हुए मदद भेजने को कहा. कुछ ही देर में गोमतीनगर थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई. पुलिस को देखते ही रंगरूट भागने लगे. मौके से कानपुर के सदर बाजार निवासी सौरभ कुमार सिंह, बिहार के सारन मसरख स्थित जजौली गांव के अमन कुमार सिंह, मैनपुर के ओछा नगलादेवी निवासी अमित कुमार और पीजीआई के राजीवनगर में रहने वाले अभिषेक सिंह को दबोचकर थाना ले आया गया.
इंस्पेक्टर राम सूरत सोनकर ने बताया कि पर्यटन मोबाइल पुलिस के दारोगा अमरकांत त्यागी और पीड़ित महिला की तरफ से रंगरूटों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर एवं मारपीट में घायल दारोगा का मेडिकल परीक्षण कराया गया है. गोमतीनगर थाने पहुंचे रंगरूटों को बचाने के लिए सेना के कुछ अधिकारी हरकत में आ गए. इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारियों को फोन किए गए. दबाव पड़ने पर रंगरूटों को थाना से ही जमानत दे दी गई.
पर्यटन मोबाइल पुलिस की जीप में दारोगा अमरकांत त्यागी अकेले ही थे. उनके साथ रहने वाले सिपाही को किसी और ड्यूटी पर भेज दिया गया था. दारोगा के पास सरकारी असलहा तो दूर एक डंडा तक नहीं था. वहीं, दूसरी तरफ नशे में धुत सेना के रंगरूट थे जो कि कुछ भी कर सकते थे. इसके बावजूद दारोगा अमरकांत त्यागी अपनी जांबाजी दिखाते हुए महिला को बचाने के लिए निहत्थे ही रंगरूटों से जूझ पड़े थे. बता दें महिला ने गोमतीनगर थाने में अपनी तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर वापस ले ली है.
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