केंद्र सरकार की स्कीमों में सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) सबसे पॉपुलर स्कीम है. इस स्कीम के जरिए मौजूदा ब्याज दर 7.6 फीसदी सालाना के हिसाब से 64 लाख रुपये तक की रकम जुटाई जा सकती है. इस स्कीम में एफडी, एनएससी, किसान विकास पत्र, आरडी और एमआईएस से ज्यादा फायदा मिल रहा है. आपको बता दें कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान टैक्स छूट पाने सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में निवेश के लिए समय सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दी है. इसका मतलब साफ है कि टैक्स छूट पाने के लिए एक महीने का समय और मिल गया है. साथ ही जिन्होंने अभी तक सुकन्या खाते में पैसा जमा नहीं किए है वो एक महीने के अंदर 250 रुपये जमा कर सकते है. मौजूदा समय में इस पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है.
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीपीएफ और छोटी बचत स्कीमों में न्यूनतम जमा की आखिरी तारीख 30 जून से बढ़कर 31 जुलाई हो गई है. पहले इसकी समयसीमा 31 मार्च 2020 थी. अगर आपने सुकन्या समृद्धि अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकते हैं. वहीं, एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम जमा राशि 250 रुपये है.
इसका मतलब साफ है कि आप एक साल में डेढ़ लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं, वहीं अकाउंट को चालू रखने के लिए कम से कम 250 रुपये जमा करने होंगे. इस रकम को खाताधारक के खाते में रिटर्न कर दिया जाएगा. सुकन्या समृद्धि अकाउंट में 15 साल तक रुपये जमा किए जा सकते हैं. सुकन्या समृद्धि अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान न्यूनतम रकम जमा नहीं करते हैं तो 15 साल की अवधि के दौरान इसे कभी भी रेग्युलराइज नहीं किया जाएगा. इसके लिए हर साल के हिसाब से 50 रुपये जुर्माना अदा करना होगा.
सुकन्या खाते से जुड़े 4 नियम बदल गए
अब डिफॉल्ट अकाउंट पर मिलेगा ज्यादा ब्याज
इस स्कीम के नियम के तहत अगर एक वित्त वर्ष के दौरान सुकन्या समृद्धि अकाउंट में 250 रुपये ही जमा किया जाता था तो इसे डिफॉल्ट अकाउंट (SSY Default Account) माना जाता था. सरकार द्वारा 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किये गये नियम के तहत अब ऐसे डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम उतना ही ब्याज मिलेगा, जितना इस स्कीम के लिये तय किया गया था. इसके पहले ऐसे अकाउंट पर पोस्ट आॅफिस बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज दर के बराबर मिलता था. सुकन्या समृद्धि अकाउंट पर वर्तमान में 8.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. वहीं, पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. ऐसे में अब इस स्कीम के डिफॉल्ट अकाउंट पर 4.7 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा.
अकाउंट संचालन का भी नियम बदला
नये नियम के तहत 18 साल की आयु होने के बाद बच्ची खुद ही अपने अकाउंट का संचालन कर सकती है. पहले यह आयु 10 साल की थी. जब बच्ची 18 साल की हो जाएगी, तो अभिभावक को बच्ची से संबंधित दस्तावेज पोस्ट ऑफिस में जमा कराना होगा.
दो बच्चियों का अकाउंट खुलवाने के लिये जरूरी होंगे ये डॉक्युमेंट्स
अब दो से अधिक बच्चियों का सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने की जरूरत पड़ेगी. नए नियम के मुताबिक, अगर दो से अधिक बच्ची का खाता खुलवाना है तो बर्थ सर्टिफिकेट के साथ-साथ एक हलफनामा देना भी जरूरी होगा. इससे पहले, गार्जियन को बच्ची का केवल मेडिकल सर्टिफिकेट देने की जरूरत होती थी.
प्रीमैच्योर क्लोजर का नियम बदला
नए नियम के तहत अगर बच्ची की मौत होने या सहानुभूति के आधार पर अकाउंट को मैच्योरिटी अवधि से पहले बंद किया जा सकता है. यहां सहानुभूति का तात्पर्य है किसी जानलेवा बीमारी का इलाज या अभिभावक की मौत से है. ऐसी स्थिति में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए मैच्योरिटी से पहले भी अकाउंट बंद की जा सकती है. इससे पहले, सुकन्य समृद्धि अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले तभी बंद किया जा सकता था, जब अकाउंटहोल्डर की मौत हो गई हो या बच्ची का निवास स्थान बदल गया हो.
योग्यता
कोई भी भारतीय नागरिक सुकन्या समृद्धि स्कीम में बेटी के नाम पर खाता खोल सकता है. लेकिन बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए. एक परिवार में 2 बेटियों के नाम से खाता खोला जा सकता है. 2 से अधिक बच्चियों का सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने की जरूरत पड़ेगी. नए नियम के मुताबिक, अगर 2 से अधिक बच्ची का खाता खुलवाना है तो बर्थ सर्टिफिकेट के साथ-साथ एक हलफनामा देना भी जरूरी होगा. इससे पहले, गार्जियन को बच्ची का केवल मेडिकल सर्टिफिकेट देने की जरूरत होती थी.
टेन्योर और ब्याज
सुकन्या समृद्धि योजना में अब ब्याज दर 7.6 फीसदी सालाना कर दिया गया है. इस योजना के तहत माता-पिता को सिर्फ 14 साल तक निवेश करना होता है. जबकि खाते की मेच्योरिटी अवधि 21 साल है. 14 साल के बाद बचे हुए 7 साल के दौरान 14 साल के क्लोजिंग बैलेंस पर 7.6 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिलेगा. 21 साल बाद मेच्योरिटी पर पूरी रकम मिलेगी.
स्कीम में अगर 4 साल की बेटी के नाम से खाता खोलते हैं तो इसकी मेच्योरिटी 25 साल होगी. हालांकि अगर बेटी 18 साल की हो जाती है तो उसकी शादी के नाम पर खाते से पैसा निकाला जा सकता है.
टैक्स छूट का लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना न्यूनतम 250 रुपये जमा किया जा सकता है. इससे पहले सालाना मासिक जमा राशि 1000 रुपये थी. योजना के तहत सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश आयकर कानून की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. अगर बेटी की उम्र 18 साल हो जाती है और उसे पढ़ाई या उसकी शादी के लिए पैसों की जरूरत है तो आप जमा राशि की 50 फीसदी तक राशि निकाल सकते हैं.
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