सुल्तानपुर: फर्जी मुकदमा दर्ज करने पर SO को जेल भेजने का आदेश, काफी मान-मनौव्वल के बाद मिली अंतरिम जमानत

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक आपराधिक मामले में बिना जांच किए हत्या की साजिश रचने के साथ ही हत्या संबंधी गंभीर धाराएं लगा देना धम्मौर थाना के एसओ को मंहगा पड़ गया। अदालत ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पहले स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर एसओ को जेल भेजने का आदेश दे दिया। स्थानीय अपर न्यायाधीश की अदालत में शुक्रवार को जारी आदेश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।


50 हजार की जमानत राशि पर मिली बेल

वहीं, सूचना मिलने के बाद जिले के पुलिस कप्तान समेत आला अफसर दीवानी न्यायालय पहुंच गए। सूत्रों ने बताया कि करीब चार घंटे तक थानाध्यक्ष अदालत की कस्टडी में रहे, काफी मान-मनौव्वल के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 50 हजार की जमानत राशि पर थानेदार की बेल मंजूर की। जिसके बाद पुलिस अफसरों ने राहत की सांस ली।


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जानकारी के मुताबिक, पूरा वाकया 17 मार्च 2019 से हुआ। कुड़वार थाना क्षेत्र अंतर्गत मनियारपुर निवासी सैय्यद गाफिल हसन जैदी व हैदर अब्बास, अमेठी के जामो थानान्तर्गत सूखी बाजगढ़ निवासी उदयभान, अजय व नरियांवा निवासी शैलेंद्र, कस्तूरी निवासी बजरंग पर एक युवक की हत्या के लिए सुपारी लेने का आरोप लगाया। इस मामले में जब मुकदमा दर्ज किया तो हत्या संबंधी धारा 302 भी दर्ज करते हुए चार्जशीट फाइल कर दी।


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वहीं, पुलिस ने मामले में बबलू सिंह और हैदर अब्बास को गिरफ्तार भी कर लिया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश मनोज शुक्ला की अदालत में शुरू हुई और एसओ प्रवीण कुमार सिंह तलब हुए। इस दौरान एसओ प्रवीण कुमार सिंह के स्पष्टीकरण पर नायाधीश मनोज शुक्ला संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने उम्रकैद के मामलों में फर्जी साक्ष्य पेश करने के आरोप में एसओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कस्टडी में लेने का आदेश दे दिया।


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इस बात की जानकारी मिलते ही एसपी अनुराग वत्स अन्य पुलिस अफसरों के साथ पहुंचे। काफी मान-मनौव्वल के बाद देर प्रकरण की सुनवाई के बाद एसओ को मामले में अंतरिम जमानत दे दी गई।


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