भारत माता की जय विवाद: राष्ट्रवाद थोपा नहीं जा सकता, दिल में होता है के तर्क पर बोले प्रशांत पटेल- तो फिर अज़ान का शोर भी थोपना बंद करो, दिल में रखो इबादत

भारत माता की जय को लेकर देश में मचे विवाद पर आम आदमी पार्टी के विधायकों की लाभ के पद मामले में सदस्यता रद्द कराने वाले और सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील प्रशांत पटेल ने इसे सांप्रदायिक बताने वालों पर तीखा हमला बोला है. पटेल ने भारत माता की जय पर कुछ तथाकथित सेक्युलर वर्ग के स्टैंड को दोहरा रवैया करार दिया है.

 

प्रशांत पटेल ने ट्वीट कर लिखा “#BharatMataKiJai पर Jaish-E-Seculars यह कहकर आपत्ति करते हैं कि राष्ट्रवाद थोपा नहीं जा सकता, ये दिल में होता है, दिखाने की क्या आवश्यकता. ‘राष्ट्रवाद दिल में रखो’ और मज़हब टोपी व बकरा दाढ़ी में टाँगो, ये है दोगलापन. तो फिर अज़ान का शोर भी थोपना बंद करो और अपनी इबादत दिल में रखो”.

 

https://twitter.com/ippatel/status/1080357651697942528

 

बता दें कि देश में इस समय भारत माता की जय पर एक बार फिर बहस शुरू हो चुकी है, और इस बहस की शुरुआत न्यूज़ वेबसाइट “द वायर” की वरिष्ठ पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ट्विटर पर भारत माता की जय को ‘सांप्रदायिक’ करार देकर की.

 

दरअसल ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में सभी सांसदों ने भारत माता की जय कहते हुए इसे पास कराया था, इस पर आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट कर लिखा कि “लोकसभा ने भारत माता की जय कहते हुए तीन तलाक बिल पास किया, और हम ढेर सारे सेक्युलरिज्म के साक्षी हुए हैं, जिसकी बात सत्तारूढ़ दल के सदस्य और क़ानून मंत्री किया करते हैं”.

 

 

इसके बाद एक ट्विटर यूजर ने उनसे साफ़तौर पर पूछ लिया कि क्या भारत माता की जय कहना सांप्रदायिक है? जिसके जवाब में आरफा ने भारत माता की जय को ‘सांप्रदायिक’ बताते हुए इसे बहुसंख्यकों का नारा करार दे दिया.

 

 

 

आरफा खानम शेरवानी के ट्वीट पर यूजर्स ने जमकर उनकी लताड़ लगाई, जिसके बाद से इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी.

 

Also Read: शिक्षण संस्थानों तक पहुँच चुकी हैं जिहादी आतंक की जड़ें, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा: प्रशांत पटेल

 

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करेंआप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )