सुप्रीम कोर्ट का वक्फ कानून पर बड़ा फैसला, 3 प्रावधानों पर लगाई रोक, जानिए पूरी अपडेट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 (Waqf Amendment Act 2025) को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस अधिनियम पर पूरी तरह रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल दुर्लभतम मामलों में ही संसद द्वारा पारित कानूनों पर रोक लगाई जाती है।

कोर्ट ने क्या कहा ?

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई (B.R Gawai) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हमने माना है कि अनुमान हमेशा कानून की संवैधानिकता के पक्ष में होता है।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे कानून पर रोक का कोई मामला नहीं बनता।

इन तीन मुख्य बिंदुओं पर सुनाया गया अंतरिम फैसला

  • 5 वर्षों तक मुस्लिम होने की अनिवार्यता पर रोक

कोर्ट ने उस प्रावधान पर अंतरिम रोक लगा दी जिसके अनुसार वक्फ बनाने वाले व्यक्ति को पिछले 5 वर्षों से मुस्लिम होना अनिवार्य था। कोर्ट ने कहा कि जब तक यह तय करने के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं, तब तक यह प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता।

  • गैर-मुस्लिमों की संख्या पर सीमा तय

कोर्ट ने राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की अधिकतम संख्या तय कर दी।

  • वक्फ बोर्ड: गैर-मुस्लिम सदस्य तीन से अधिक नहीं हो सकते।
  • वक्फ परिषद: गैर-मुस्लिम सदस्य चार से अधिक नहीं हो सकते।

 कलेक्टर की शक्तियों पर सवाल

अदालत ने उस प्रावधान पर भी रोक लगा दी, जिसके तहत कलेक्टर को राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव करने का अधिकार था जब तक कोई विवाद लंबित हो। कोर्ट ने कहा कि यह शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करती है। अब जब तक कोई न्यायिक फैसला नहीं हो जाता, तब तक न तो रिकॉर्ड बदले जाएंगे और न ही किसी तीसरे पक्ष को अधिकार दिए जाएंगे।

अहम कानूनी प्रश्नों पर अदालत का नजरिया

  • क्या अदालत वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाई कर सकती है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक उपयुक्त प्राधिकारी या न्यायिक मंच अंतिम निर्णय नहीं देता, तब तक किसी भी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई (सूची से हटाना) नहीं किया जा सकता।

  • क्या उपयोग या दस्तावेज के आधार पर संपत्ति वक्फ हो सकती है?

इस पर कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं दिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि केवल उपयोग या डीड के आधार पर वक्फ की मान्यता न्यायिक समीक्षा के अधीन होगी।

  • अदालत द्वारा वक्फ घोषित संपत्ति को सरकार सूची से हटा सकती है या नहीं?

कोर्ट ने साफ किया कि अगर कोई संपत्ति पहले से न्यायालय द्वारा वक्फ घोषित हो चुकी है, तो उसे सरकार एकतरफा वक्फ सूची से नहीं हटा सकती।

याचिकाकर्ताओं और वकीलों की प्रतिक्रिया

  • अधिवक्ता एम. आर. शमशाद

‘यह एक संतुलित और उचित अंतरिम आदेश है। कोर्ट ने कई विवादित प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाकर स्पष्ट संदेश दिया है।’

  • अधिवक्ता वरुण सिन्हा

‘सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों पर रोक नहीं लगी है। कोर्ट ने बस यह स्पष्ट किया है कि वक्फ संपत्ति को अधिग्रहित करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होगा।’

अधिवक्ता अनस तनवीर

‘हमारी याचिका पर कोर्ट ने कुछ प्रावधानों को रोक दिया है। ये अंतरिम रोकें हमारे लिए सकारात्मक संकेत हैं।’

केंद्र सरकार का पक्ष

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर 1,332 पन्नों के हलफनामे में कहा कि, वक्फ व्यवस्था धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की है। यह इस्लाम का अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है। संसद से पारित कानून को संविधान-सम्मत माना जाना चाहिए।

प्रक्रिया

  • 3 अप्रैल, 2025: लोकसभा में विधेयक पारित
  • 4 अप्रैल, 2025: राज्यसभा से पारित
  • 5 अप्रैल, 2025: राष्ट्रपति की मंजूरी
  • 8 अप्रैल, 2025: अधिनियम अधिसूचित
  • 22 मई, 2025: सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश सुरक्षित रखा
  • सितंबर 2025: कोर्ट का अंतरिम फैसला जारी

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