UP: स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया नई पार्टी का ऐलान, अखिलेश के बयान पर बोले- वो देने की हैसियत में नहीं है

उत्तर प्रदेश में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने नई पार्टी बना ली है। इस पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी है। इसके साथ ही पार्टी का झंडा भी लॉन्च कर दिया गया है। नीले, लाल और हरे रंग की पट्टी वाले इस झंडे के बीच में आरएसएसपी (RSSP) लिखा है। वहीं, सोमवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी (अखिलेश यादव) कही बात उनको मुबारक। ये सब जानते हैं वो सरकार में नहीं हैं। न उनकी सरकार केंद्र में है और न प्रदेश में है। वो देने की हैसियत में नहीं हैं। उन्होंने जो भी दिया है, ससम्मान वापस कर दूंगा।

अखिलेश की कही बात उनको मुबारक

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता। मेरे लिए विचार मायने रखता है। दलित, पिछड़ों, आदिवासियों, देश की महिलाओं, गरीबों, किसानों का हित मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उस पर जब भी कुठाराघात होगा, मैं पलटवार जरूर करूंगा, करता भी रहा हूं। आगे भी करता रहूंगा। इसलिए अखिलेश जी की कही हुई बात उनको मुबारक। बता दें कि मौर्य अखिलेश यादव के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि लोग लाभ लेने आते हैं और फिर चले जाते है।

 

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को बहुत बड़ी गलतफहमी है कि वह विपक्ष में रहकर लाभ दे रहे हैं। रही बात उनके पद की और सम्मान (विधान परिषद सदस्य) की तो उसको भी जल्द छोड़ दूंगा। समाजवादी पार्टी में शेखचिल्ली कौन है के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो बड़बोला होगा वहीं शेखचिल्ली होगा।

रामगोपाल यादव की भाषा में सम्मान नहीं

इस दौरान वह सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि उनकी भाषा में न तो सम्मान है और न बातचीत का सलीका और तरीका आता है। प्रोफेसर रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के हितेषी हैं या दुश्मन हैं उन्हें कोई अभी तक समझ ही नहीं पाया। नई पार्टी के गठन पर उन्होंने कहा कि मैं 22 तारीख को दिल्ली में रहूंगा। वहीं, पर बैठक के बाद निर्णय लूंगा। वहीं, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि अगर अवसर मिलेगा तो जरूर शामिल होऊंगा।

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह दलितों और पिछड़ों की लड़ाई हमेशा ही लड़ते रहेंगे। अखिलेश यादव ने 85 और 15 का विरोध तभी कर दिया था जब सुल्तानपुर में परशुराम की मूर्ति लगाकर फरसा लहराया था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सॉफ्ट हिंदुत्व पैदा करना चाहते हैं। वो सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे हैं । वह खुद को सॉफ्ट हिन्दू दिखाने में व्यस्त हैं। उन्होंने भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि किसानों, महिलाओं और मजलूमों की लड़ाई लड़ता रहूंगा। स्वामी प्रसाद मौर्य जिसको ठुकरा देता है उससे कभी दोस्ती नहीं करता है।

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