देशभर में चल रहे एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने भारत में वर्ष 2050 तक इस्लाम फैलाने का लक्ष्य तय किया था। इस मिशन के तहत गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और गोपनीय ढंग से अपने नेटवर्क को फैलाने में जुटा था। शनिवार को पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने प्रेस वार्ता कर इस पूरे मामले का खुलासा किया। पुलिस ने अब तक गिरोह से जुड़े 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
ऑनलाइन गेम और डार्क वेब का इस्तेमाल
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य डार्क वेब पर सक्रिय रहते थे और बातचीत की गोपनीयता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन गेम्स का इस्तेमाल करते थे। इन गेम्स के जरिए युवाओं को जोड़कर धीरे-धीरे उनके मन में अपने धर्म की अच्छाइयों और अन्य धर्मों के प्रति नकारात्मकता भरी जाती थी।
‘दावाह’ के नाम पर बौद्धिक बहकावे
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह की रणनीति में ‘दावाह’ एक अहम तरीका था। दावाह इस्लाम की एक धार्मिक परंपरा है, जिसमें किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को बौद्धिक विमर्श के जरिए इस्लाम अपनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। धर्मांतरण का शिकार हुई एक युवती ने बताया कि जब वह कश्मीर में थी, तो उसे वहां ‘दावाह’ के नाम पर बुलाया गया था और बताया गया कि 2050 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना है।
दुखी और असहाय लोगों को बनाया जाता था निशाना
पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य उन जगहों पर सक्रिय रहते थे जहां आमतौर पर मानसिक रूप से परेशान या दुखी लोग जाते हैं , जैसे अस्पताल, न्यायालय, थाना और पार्क। वहां जाकर ये लोग पीड़ितों से संपर्क साधते और धीरे-धीरे उन्हें अपने जाल में फंसा लेते थे। जिन युवाओं का धर्मांतरण कराया गया, उन्होंने बताया कि पहले उन्हें ‘दावाह’ में बुलाया गया, फिर परिवार और धर्म के खिलाफ नकारात्मक बातें भरकर मानसिक रूप से प्रभावित किया गया।
14 आरोपी गिरफ्तार
अब तक पुलिस ने जिन 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आरोपी शामिल हैं, जैसे गोवा, कोलकाता, आगरा, मुजफ्फरनगर, देहरादून, जयपुर और दिल्ली। गिरफ्तार अभियुक्तों में प्रमुख नाम हैं – आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा), शेखर रॉय उर्फ अली हसन (कोलकाता), ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अब्बू तालीब (मुजफ्फरनगर), अब्दुल रहमान (दिल्ली), आदि।
पाकिस्तान और कश्मीर से कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह का संबंध पाकिस्तान और कश्मीर में मौजूद लोगों से भी है। कश्मीर की लड़कियों के जरिए अन्य राज्यों की लड़कियों को पाकिस्तान संचालित ग्रुपों से जोड़ा जाता था। धर्मांतरण के लिए उत्तराखंड के देहरादून, यूपी के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली और हरियाणा के झज्जर व रोहतक की लड़कियों को बहकाया गया और समय रहते पुलिस ने उन्हें गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया।
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क्रिप्टोकरेंसी और फंडिंग के जरिए अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
गिरफ्तार आरोपी रहमान कुरैशी के माध्यम से क्राउड फंडिंग, क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर के जरिए फंड फलस्तीन तक भेजा गया है। गिरोह के कम से कम तीन सदस्यों के पास डार्क वेब का तकनीकी ज्ञान है, जिसके माध्यम से वे गोपनीय संवाद करते थे।