जम्मू कश्मीर: देश विरोधी तत्वों के लिए अड्डा बन रही हैं मस्जिदें, आतंकियों ने एक महीने में दूसरी बार छिपकर किया हमला

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी अब हमले के लिए मस्जिदों का सहारा ले रहे हैं. एक महीने में दूसरी बार ऐसी घटना देखने को मिली है जहां मस्जिद से छिपकर आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला बोला है. बुधवार को भी आतंकियों ने सोपोर (Sopore) में मस्जिद का सहारा लेकर सीआरपीएफ पार्टी फायरिंग की. इस फायरिंग में एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई है.


मस्जिद में छिपे आतंकियों के फायरिंग में तीन जवान घायल भी हुए हैं. जम्मू कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि जिस नागरिक की मौत हुई है वो गाड़ी में अपने बच्चे को लेकर जा रहे थे, घबराहट में वो अपने गाड़ी से निकलकर बच्चे को लेकर भागने लगे इसी दौरान उन्हें भी गोली लग गई और उनकी मृ्त्यु हो गई.


हमले में पाकिस्तानी हाथ

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि सोपोर में बुधवार को सीआरपीएफ पार्टी पर हुए हमले में पाकिस्तानी आतंकियों (Pakistani Terrorist) का हाथ था. इस हमले में एक जवान शहीद हो गया, जबकि एक आम नागरिक की भी मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी उस्मान और नासिर ने इस हमले को अंजाम दिया. उस्मान पाकिस्तानी नागरिक है. जबकि आदिल स्थानीय आतंकी है.


ऐसे किया हमला

जम्मू-कश्मीर में बारामूला जिले के सोपोर में बुधवार को आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों के एक दल पर हमला कर दिया, जिसमें सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल शहीद हो गए. आतंकवादी हमले में तीन अन्य जवान घायल भी हुए हैं. इस हमले में अपने तीन साल के पोते के साथ हंदवाड़ा जा रहे नागरिक की भी गोली लगने से मौत हो गई. बच्चे को सुरक्षाकर्मियों ने घटनास्थल से बचा लिया. बाद में उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया.


दादा के शव के पास रो रहा था बच्चा

अधिकारियों ने घटना के बारे में बताया कि जब लोग हमले के बाद जान बचाने के लिये वहां से भाग रहे थे तभी अपने पोते के साथ कार में सफर कर रहे 60 साल के बशीर खान अपनी कार छोड़ जान बचाने के लिये भागे, लेकिन वे मारे गए. जब सीआरपीएफ कर्मियों ने बच्चे को अपने दादा के शव के पास रोते हुए देखा, तो उनमें से एक उसे बचाने के लिये आगे बढ़ा. जबकि उसके साथियों ने उसे सुरक्षा देने के लिए कवर फायर किया.


वायरल हुई तस्वीर


इस घटना के बाद खान के बेटे के इस आरोप पर तीखी बहस शुरू हो गई कि उसके पिता को गाड़ी से खींचकर सुरक्षा बलों ने गोली मारी. सीआरपीएफ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. सोशल मीडिया पर अपने दादा के शव के पास रोते बच्चे की तस्वीरें वायरल होने के बाद इस बहस को और हवा मिली. सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने सोपोर में कहा, ‘नागरिक की हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई और सोशल मीडिया पर ये सारा शोर सीमा पार से करवाया जा रहा है.’


मस्जिद की दीवार पर खून


उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां धार्मिक स्थलों का बेहद सम्मान करती हैं और कोई यह सोच भी नहीं सकता कि आतंकवादी छिपने के लिये मस्जिद का इस्तेमाल करेंगे. मुठभेड़ के बाद पुलिस अधिकारी इलाके के कुछ नागरिकों के साथ मस्जिद के अंदर गए और उन्हें मस्जिद की दीवार पर खून के धब्बे नजर आए.


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