DNA पर उठा विवाद FIR तक पहुंचा, उपमुख्यमंत्री के परिवार के ऊपर अभद्र टिप्पणी का मामला

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल (Samajwadi Party Media Cell) की ओर से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) के डीएनए (DNA) को लेकर की गई टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। इससे पहले भी सपा मीडिया सेल कई बार अपनी विवादित पोस्टों को लेकर चर्चा में रहा है।

सपा मीडिया सेल ने किया एक्स पोस्ट 

सपा मीडिया सेल ने एक पोस्ट करते हुए ब्रजेश पाठक से उनके डीएनए की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा करने की मांग की। पोस्ट में लिखा गया, बात बात पर सपा के DNA पर बयानबाजी करने वाले @brajeshpathakup जी अपना DNA अवश्य चेक करवाएं और उसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जरूर डालें जिससे उनका असली DNA तो पता चले दरअसल ब्रजेश पाठक जी का खुद का DNA सोनागाछी और GB रोड का है, उन्हें खुद नहीं पता कि उनका असली DNA क्या है कहां का है और किसका है इसीलिए कुंठाग्रस्त होकर वे सबके DNA पर सवाल उठाते हैं? दरअसल पाठक जी इतनी पार्टियां बदल चुके हैं और इतने DNA से युक्त हो चुके हैं कि भ्रमित हैं। ब्रजेश पाठक जी अपना DNA चेक करवाकर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करें तो हम अभियान चलाकर ब्रजेश पाठक का DNA सोनागाछी और GB रोड के रेगुलर कस्टमर्स से मिलान करवाएंगे फिर ब्रजेश पाठक जी को उनका असली DNA का पता बताएंगे।

सपा मीडिया सेल से पोस्ट डिलीट 

यह पोस्ट 16 मई 2025 को  ट्वीट की गई थी। लेकिन अब शनिवार को यह पोस्ट हटा दी गई है। सपा मीडिया सेल ने ट्वीट करते हुए लिखा की, ब्रजेश पाठक जी @brajeshpathakup आप स्वास्थ्य मंत्री हैं, क्या आप DNA लैंग्वेज को समझते हैं? बस इतना ही आपको समझाने और समझने के लिए आपको आपकी भाषा में जवाब दिया गया था।
हम तो द्वीट डिलीट कर दे रहे हैं लेकिन आप आइंदा से ये DNA लैंग्वेज का इस्तेमाल करने से पहले सोचिएगा कि जब आप किसी कांच के ऊपर पत्थर मारते हैं तो पलटकर टुकड़े अपनी ओर भी आते हैं। दलीय मतभिन्नता अलग हो सकती है लेकिन जो DNA वाली भाषा आप अक्सर ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं वो भी कतई अस्वीकार्य है, आइंदा आप भी अपनी भाषा चयन में सावधानी रखिएगा और आरोप प्रत्यारोप कीजिए परन्तु ये बेलो द बेल्ट लैंग्वेज का इस्तेमाल आइंदा मत कीजियेगा। शुभेच्छाओं समेत!

ब्रजेश पाठक का पलटवार

इस विवादास्पद पोस्ट के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को टैग कर पूछा, अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!!किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएँगे? उन्होंने डिंपल यादव को भी टैग करते हुए सवाल उठाया कि क्या वह इस तरह की स्त्रीविरोधी और पतित मानसिकता का समर्थन करेंगी।

सोशल मीडिया पर उठी कार्रवाई की मांग

सपा मीडिया सेल की इस पोस्ट के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ पुलिस और यूपी पुलिस से हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिल रही है।

पूर्व में भी विवादों में रहा है सपा मीडिया सेल

यह पहला मौका नहीं है जब सपा का मीडिया सेल विवादों में आया हो। वर्ष 2022 में भी इस सेल की ओर से भाजपा नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के परिवारों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की गई थीं। उस समय मीडिया सेल के प्रभारी मनीष जगन अग्रवाल को पुलिस ने रातों-रात गिरफ्तार किया था। बाद में अखिलेश यादव स्वयं पुलिस मुख्यालय पहुंचकर उन्हें छुड़ाने का प्रयास करते देखे गए थे।

सपा नेताओं ने दी सफाई

इस पूरे विवाद के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि, ‘यह सपा का आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल नहीं है, कृपया इसे पार्टी से न जोड़ा जाए।’

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