वैसे तो हमेशा ही ऐसा सुनने में आता है कि यूपी पुलिस विभाग के अफसर हमेशा ही जिले में पोस्टिंग पाना चाहते हैं, पर, उत्तर प्रदेश में एक अजीब ही खबर सामने आ रही है। दरअसल,सूत्रों से ये खबर मिली है कि छह जिलों के कप्तान जिलों में पोस्टिंग नहीं चाहते। उनकी मांग है कि उन्हें किसी अन्य शाखा में भेज दिया जाए। हालांकि डीजीपी का कहना है कि अभी उन्हें किसी का प्रार्थना पत्र नहीं मिला है।
इन अफसरों का नाम शामिल
अमर उजाला अखबार की खबर की मानें तो उत्तर प्रदेश के छह जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने वहां काम करने में असमर्थता जताई है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर पुलिस विभाग की अन्य शाखा में तैनाती की मांग की है। जिन पुलिस अधीक्षकों ने विभाग की किसी अन्य शाखा में तैनाती की मांग की है, उनमें प्रतापगढ़ के पुलिस कप्तान आकाश तोमर, जौनपुर के एसपी राजकरन नय्यर, वाराणसी ग्रामीण के एसपी अमित वर्मा और अमरोहा की पुलिस अधीक्षक सुनीती का नाम प्रमुख है।
इसके साथ ही दो अन्य जिलों के पुलिस कप्तानों ने भी किसी और जगह तैनाती की मांग की है। सभी ने व्यक्तिगत कारण बताए हैं। प्रतापगढ़ के एसपी निजी कारणों से छुट्टी पर हैं। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि उन्हें किसी भी जिले के पुलिस कप्तान से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है, जिसमें उसने जिले से हटने का आग्रह किया है। अगर कोई पत्र मिलता है तो उस पर निर्णय लिया जाए।
पूर्व डीजीपी ने कहा ये
इसके साथ ही सूत्रों का कहना है कि जिलों के पुलिस कप्तानों पर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को लेकर जबर्दस्त दबाव है। इसलिए वे जिलों में काम करने से कतरा रहे हैं। ये सभी डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी हैं। पूर्व डीजीपी ने इस मामले में ये साफ कहा है कि ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए इसके साथ ही उन्हें भविष्य में अहम जिम्मेदारी न दी जाए।
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