योगेंद्र यादव जानते थे किसान आंदोलन में हुआ लड़की से गैंगरेप, फिर भी साधे रहे चुप्पी, AAP के 2 कार्यकर्ता भी हैं आरोपी, हो रही गिरफ्तारी की मांग

दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) में शामिल होने आई पश्चिम बंगाल (West Bengal) की एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) के मामले में नया खुलासा हुआ है। लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने खुद फोन कर उन्हें बताया था कि उसका शारीरिक शोषण किया गया था। गैंगरेप के इस मामले के आरोपियों में आम आदमी पार्टी के 2 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। वहीं, यह बात भी सामने आई है कि स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) को इस घटना के बारे में जानकारी थी।


सोशल मीडिया पर योगेंद्र यादव की गिरफ्तारी की मांग


बता दें कि किसान आंदोलन में पश्चिम बंगाल की लड़की से गैंगरेप की इस घटना की जानकारी होने के बाद भी चुप्पी साधने को लेकर योगेंद्र यादव सोशल मीडिया के निशाने पर हैं। कहा जा रहै कि योगेंद्र यादव को घटना की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने पीड़िता की मृत्यु के बाद भी इसे पुलिस से साझा नहीं किया।


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उधर, अंकुर सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस घटना की एक पेपर कटिंग शेयर करते हुए लिखा कि सब जानते हुए भी योगेंद्र यादव अपने एजेंड के लिए चुप्पी साधे हुए हैं। कुछ ट्विटर यूजर्स तो स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव को गिरफ्तार करने की मांग भी कर रहे हैं।


राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा- योगेंद्र यादव की भी हो जांच


वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट करके लिखा- यह जानकर हैरान हूं कि योगेंद्र यादव मौत से पहले महिला के साथ हुए यौन शोषण के बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट करने के बारे में नहीं सोचा। पुलिस को योगेंद्र यादव की भी जांच करनी चाहिए।


Rekha Sharma

वारदात में आम आदमी पार्टी के 2 कार्यकर्ता भी शामिल


बता दें इस मामले में पीड़िता के पिता की तहरीर पर शहर थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 365, 342, 354, 376 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने 2 किसान नेता, 2 आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और 2 आंदोलन से जुड़ी महिला वॉलंटियर को भी आरोपी बनाया है। आरोप है कि टिकरी बॉर्डर पर किसान सोशल आर्मी चलाने वाले अनूप और अनिल मलिक समेत 4 लोगों ने उसके साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया।


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बताया जा रहा है कि इनमें से अनूप सिंह तो हिसार क्षेत्र से है। वो आम आदमी पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता रहा है। इसकी पुष्टि आप के सांसद सुशील गुप्ता ने भी की है। वहीं अनिल मलिक दिल्ली में ही आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, लेकिन इसके बारे में सुशील गुप्ता ने जानकारी होने से इंकार किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण, ब्लैकमेलिंग, बंधक बनाने और धमकी देने की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।


इस मामले में चारो आरोपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करने बंगाल गए थे। किसानों के संघर्ष में शामिल होने की बात कहकर ये चारों पीड़िता को टिकरी बॉर्डर लेकर आए थे और वह उनके साथ आंदोलन में सक्रिय भी थी। 24 अप्रैल को लड़की की तबियत अचानक बिगड़ गई। धरनास्थल पर ही उसे कुछ सामान्य दवाएं भी दी गई, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद 26 अप्रैल को स्थिति बिगड़ने पर उसे बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल ले जाया गया, तो वहां से रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया।


दुष्कर्म की बात दबाने के लिए निकाली शव यात्रा


पीजीआई में जांच में पता चला कि पीड़िता कोरोना संक्रमित थी। स्वास्थ्य में सुधार न होने पर किसान संगठन का ग्रुप उसे एंबुलेंस में लेकर कई अस्पतालों में पहुंचा, लेकिन वहां बेड नहीं मिले। इस बीच आंदोलनकारियों ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की टीम में शामिल बहादुरगढ़ के प्रदीप लडरावण से संपर्क गकिया। प्रदीप ने पीड़िता को बहादुरगढ़ के शिवम अस्पताल में भर्ती कराया। 27 अप्रैल से यहां उसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन 30 अप्रैल की सुबह उसने दम तोड़ दिया।


पीड़िता के पिता की शिकायत

बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में ही उसके साथ रेप होने की बात सामने आई थी। युवती की मौत कोरोना से होने की बात कहने वाले आंदोलनकारियों ने उसकी शव यात्रा भी निकाली थी। जबकि कोरोना संक्रमित की एक निश्चित दिशा-निर्देश के तहत अंत्येष्टि की जाती है। कुछ लोगों का कहना है कि युवती के साथ गलत होने की बात दब जाए, इसी वजह से शव यात्रा निकाली गई।


कविता और योगिता को पता थी सच्चाई


अनिल मालिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग पर मामला दर्ज हुआ है। कविता और योगिता पर आरोप है कि युवती ने उन्हें आपबीती बताई थी,लेकिन दोनों ने उसे चुप करा दिया और किसी से चर्चा न करने के लिए कहा। आरोपी अनूप और अनिल आंदोलन की शुरुआत से ही टिकरी बॉर्डर पर किसान सोशल आर्मी के बैनर तले सक्रिय थे। वहां अपना पक्का तंबू बना रखा था।


युवती के मौत के बाद अनूप आंदोलन स्थल से गायब है। कुछ दिन पहले रात में उसका तंबू भी हटा दिया गया। किसान संयुक्त मोर्चा ने भी अनूप से पल्ला झाड़ लिया है। वहीं, इस मामले की जांच के लिए डीएसपी की अगुवाई में तीन इंस्पेक्टर और साइबर सेल को मिलाकर एक एसआईटी का गठन किया गया है। शहर थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


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