कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार के बोर्ड के सिलेबस से टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) पर आधारित चैप्टर्स को हटाने पर विचार किया जा रहा है. दरअसल, संघ परिवार टीपू सुल्तान को स्वतंत्रता सेनानी नहीं मानता, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस की राय टीपू के बारे में संघ से अलग है. गौरतलब है कि बीजेपी विधायक अपाचू रंजन ने कर्नाटक बोर्ड के सिलेबस से टीपू सुल्तान से जुड़े चैप्टर्स को हटाने की अर्जी लगाई थी. अब येदियुरप्पा इसका समर्थन कर रहे हैं. येदियुरप्पा ने कहा, ‘हम टीपू से जुड़ा सब कुछ हटा रहे हैं. किताबों से भी सामग्री हटाने पर विचार किया जा रहा है. आपको बता दें कि साल 2015 में तत्कालीन सीएम सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने की शुरुआत की थी.
बता दें कि बीजेपी विधायक अपाचू रंजन ने कर्नाटक बोर्ड की किताबों से टीपू सुल्तान की महानता बताने वाले चैप्टर हटाने की अपील की थी. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी इस मांग का स्वागत किया है. येदियुरप्पा का कहना है कि हम टीपू से जुड़ा हुआ सब कुछ हटा रहे हैं. किताबों से भी टीपू सुल्तान से जुड़ी सामग्री हटाने पर विचार किया जा रहा है. हर साल नवंबर आते ही टीपू सुल्तान को लेकर राजनीति शुरू हो जाती है क्योंकि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने की शुरुआत की थी.
गौरतलब है कि येदियुरप्पा सरकार ने जुलाई में कन्नड़ और संस्कृति विभाग को टीपू जयंती नहीं मनाने का आदेश दिया था. 29 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में जारी किया गया था जिसके बाद सियासी बयानबाजी काफी तेज हो गई थी. बता दें कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2015 में टीपू जयंती के अवसर पर 10 नवंबर को वार्षिक समारोह के आयोजन की शुरुआत की थी. इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार ने भी इसे जारी रखा था. हालांकि बीजेपी टीपू जंयती मनाने के खिलाफ रही है और इसका विरोध करती आई है.
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